छतरपुर: ब्रह्माकुमारी विश्वनाथ कॉलोनी द्वारा बालिका कल्याण एवं संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन

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सच्चे मन की शांति ही क्रोध प्रबंधन है – बी के रीना

मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरना – बी के रूपा

छतरपुर,मध्य प्रदेश। जिले के प्रतिष्ठित विद्यालय शीलिंग पब्लिक स्कूल में बालिका कल्याण एवं संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया गया। जिसमें दिनांक 22.09.22 को मां सरस्वती की आराधना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। विद्यालय के एमडी भ्राता संजीव आर नगरिया जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि बालिकाओं को अपनी समस्या सही व्यक्ति को बतानी चाहिए जो उनकी समस्या का समाधान कर सके। और इसके लिए उन्होंने स्कूल में एक टीम का गठन भी किया। इसी तारतम्य में दिनांक 23 सितम्बर को ब्रह्माकुमारी बहनों को आमंत्रित किया गया और बच्चियों के सर्वांगीण विकास के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य विषय के रूप में क्रोध प्रबंधन एवं मानसिक स्वास्थ्य रखा गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में पहुंची ब्रह्माकुमारी रीना बहन ने बताया की हर प्रकार की समस्या का समाधान करने के लिए हमें अपने मन को शांत चित बनाना होगा। सच्चे मन की शांति ही क्रोध प्रबंधन है। जैसे अंधेरा प्रकाश की कमी को दर्शाता है वैसे ही क्रोध जीवन में ज्ञान की कमी को दर्शाता है। वहीं बीके रूपा बहन ने बताया की जब हम अपने आप को मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही ठीक रहता है उन्होंने इसके लिए बहुत सुंदर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया और मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर करने तरीका सिखलाया। इसके अतिरिक्त अनेक एक्टिविटी भी उनके द्वारा करवाई गई।कार्यक्रम में बच्चियों ने अपनी समस्याओं को प्रश्न के रूप में रखा जैसे कि पढ़ाई में पूर्ण रूप से अपने मन को कैसे एकाग्र करें , वर्कप्लेस पर आने वाली समस्याओं का समाधान करना, अपने शिक्षक और अभिभावक के साथ हर बात को कैसे शेयर करें। नकारात्मक वातावरण से स्वयं को कैसे सुरक्षित रखें , मन को कैसे सशक्त बनाए। ब्रह्माकुमारी रीना बहन और रूपा बहन के द्वारा इन प्रश्नों के उत्तर दिए गए। कक्षा चौथी की छात्रा कुमारी कनक ने एक मनोहारी नृत्य की प्रस्तुति दी। शीलिंग पब्लिक स्कूल  प्राचार्य श्रीमती पृथा राय मैडम ने बहनों का धन्यवाद करते हुए अनेक ज्ञान वर्धक बातें बताई और एक  कविता की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में टीचर्स स्टाफ की भी उपस्थिति रही। इस तरह एक सप्ताह के आयोजन का उद्देश्य बालिकाओं को जागरूक एवं सतर्क बनाना और उनकी योग्यता को बाहर लाना है तथा वह अपने मन की बात कह सकें ऐसा सम्बल प्रदान करना है।

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