तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं बल्कि अनेक समस्याओं का जन्मदाता- बीके रेखा बहन
विदिशा, मध्यप्रदेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ए-33 मुखर्जी नगर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भागदौड़ भरी वर्तमान जीवन शैली में सबसे बड़ी और लगातार बढ़ती हुई समस्या है मानसिक तनाव। हर किसी के जीवन में स्थाई रूप से अपने पैर पसार चुका तनाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है यही कारण है कि इससे बचने के लिए और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए योग ध्यान आध्यात्म और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को लोग अपने जीवन में उतार रहे हैं। लेकिन व्यक्ति को यह बात याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है। उदाहरण के लिए तनाव आपको अत्यधिक सिर दर्द, माइग्रेन, उच्च, निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्या से ग्रस्त करता है। दुनिया में सबसे अधिक हार्टअटैक का मुख्य कारण मानसिक तनाव होता है यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। जबकि एक छोटा बच्चा दिन में तीन सौ बार मुस्कुराता है और एक व्यस्क व्यक्ति दिन में तीस बार भी नहीं मुस्कुराता तो आप भी यह संकल्प लें कि किसी भी समस्या में अत्यधिक तनाव नहीं लेंगे क्योंकि यह कई तरह की शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। आखिरकार तनाव लेने से समस्याएं सुलझने के बजाय और जटिल हो जाती है तो बेहतर यही है कि उन्हें शांति से समझते हुए हल किया जाए। समस्याओं में मुस्कुराना क्यों भूला जाए इसलिए हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए और चिंता को दूर भगाते रहिए साथ में ब्रम्हाकुमारी रुकमणी दीदी में अपनी बात रखते हुए कहा कि मनोवैज्ञानिकों के रिसर्च में पता चला है कि व्यक्ति अस्सी प्रतिशत पास्ट की सोचता है पन्द्रह प्रतिशत फ्यूचर की सोचता है और पांच प्रतिशत वर्तमान की सोचता है। लेकिन सच यह है कि जो व्यक्ति वर्तमान में जीता है वही खुश रह सकता है तनाव मुक्त रह सकता है इसलिए हमें बीती को बिंदी लगाकर वर्तमान में जीना सीखना चाहिए। ब्रह्माकुमारी द्वारा तनाव प्रबंधन पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तनाव से मुक्त रहने के लिए मेडिटेशन का अभ्यास बहुत मदद करता है। कार्यक्रम में 14 बटालियन एनसीसी टीला खेड़ी से प्रदीप कुमार, खुमेश रावत, तुकाराम जी, एवं कृष्ण बलदेव भट्ट , डॉ अवध नारायण पांडे, विजय श्रीवास्तव, रमेश चंद्र जैन अधिक संख्या में भाई-बहनों ने कार्यक्रम का लाभ लिया।