कादमा : व्यायामशाला में स्वामी विवेकानंद जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम

0
253

कादमा (हरियाणा): युवाओं का शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ चारित्रिक विकास भी होना चाहिए  यह आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों से ही संभव है तभी भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा व ग्राम पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में गांव की व्यायामशाला में स्वामी विवेकानंद जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।    कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, जिला पार्षद प्रतिनिधि अशोक थालौर सरपंच प्रतिनिधि महेश फौजी, वीरेंद्र पहलवान, कप्तान सुखीराम, मास्टर राजेश, पूर्व सरपंच सुरेश कुमार शर्मा तथा युवाओं ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।  उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद आत्म विकास से समाज निर्माण, समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण की संकल्पना को सार्थक करने में लगे रहे। जब तक युवकों का मानसिक विकास नहीं किया जा सकता है उनका चारित्रिक निर्माण अधूरा है। अतः स्वामी विवेकानंद जी सपनों को पूरा करने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए । युवा  अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व मजबूत इरादों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा भर सकते हैं। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि महेश फौजी ने कहा कि आज का युवा भविष्य का निर्माता है युवाओं को अपनी ऊर्जा को सकारात्मक चिंतन के साथ अपने लक्ष्य की ओर लगाना चाहिए। ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर वर्ष 2023 की थीम “आपको अंदर से बाहर की ओर बढ़ना है। कोई आपक पढ़ा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता, कोई और शिक्षक नहीं बल्कि आपकी अपनी आत्मा है” विषय पर विस्तार से बताया कि अपने मन को एकाग्र कर अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों को अध्यात्म के बल पर बाहर निकाल समाज के नवनिर्माण में लगाएं।जिला पार्षद प्रतिनिधि अशोक थालौर ने कहा कि युवाओं को अपना मन बुद्धि को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त व स्वस्थ बनाना होगा तभी हम अपने गांव समाज का कल्याण कर सकते हैं। पहलवान वीरेंद्र बडराई ने शारीरिक क्रियाओं के साथ-साथ आध्यात्मिक बन्ना भी आवश्यक बताया। मास्टर राजेश पूर्व सरपंच सुरेश कप्तान सुखीराम आदि ने भी अपने विचार रखे अंत में सभी युवाओं को ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने युवा जागो और जगाओ पुस्तक भेंट की और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्य में लगाने के लिए प्रेरणा दी।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें