बिलासपुर(छ. ग.)। बिलासपुर छत्तीसगढ़ में आर्य समाज की स्थापना के 94 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 4 दिवसीय वेद महोत्सव एवं वार्षिक उत्सव कार्यक्रम स्थानीय पाठशाला लाल बहादुर शास्त्री स्कूल प्रांगन में आयोजन किया गया। जहां प्रतिदिन यज्ञ, संगीतमय भजन एवं प्रवचन का कार्यक्रम रहा। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ से राजयोग भवन संचालिका बीके स्वाति दीदी को भी निमन्त्रित किया गया।
स्वाति दीदी जी ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह धर्म आदि तो मानव ने ही बनाया है। वास्तव में हम सब आत्मा है और हम सब आत्माओं का परमपिता परमात्मा एक ही हैं। एक पिता की संतान होने के नाते आपस में भाई-भाई हैं। एक परिवार हैं। यह एक ईश्वर का परिवार है, इसे ही वसुदेव कुटुंबकम कहते हैं। जिस दिन हम यह समझ जाएंगे तो हमें किसी से कोई नफरत या घृणा नहीं होगी। सभी के लिए प्रेम स्नेह का भाव होगा। हमारी आदि सनातन संस्कृति हमें प्रेम करना सिखलाती है। जिसके यादगार के रूप में शेर और गाय भी एक ही घाट में पानी पीते थे। अब पुनः अपनी उस दैवी संस्कृति को अपना कर भारत को स्वर्ग बनाना है।
आर्य समाज द्वारा आयोजित चार दिवसीय वेद महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत सनातनी हिंदू संगठनों का सम्मान किया गया। जिसमें आगरा से पधारे आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री जी, पंडित कुलदीप जी द्वारा बीके स्वाति दीदी का शॉल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ एवं साहित्य देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक सौमित्र गुप्ता जी, आर्य समाज के प्रधान ज्योतिर्मय आर्य, उप प्रधान सुधीर गुप्ता, वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ ललित मखीजा आदि उपस्थित थे।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर बिलासपुर:आर्य समाज द्वारा ब्रह्माकुमारीज़ सम्मानित