बसिया गुमला (झारखण्ड): नैतिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति के विकास में उतनाही आवश्यक है जितना कि स्कूली शिक्षा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व कानिर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक वआत्मबल प्रदान करता | उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान के ब्रह्माकुमारीज केमुख्यालय से पधारे हुए बी के भगवान भाई ने कहे| वे आज शुक्रवार को राजकीयकृत उच्च विद्यालय, वसिया के छात्र,छात्राओं को और शिक्षक को नैतिक शिक्षा ,संस्कारित शिक्षा कामहत्व विषय पर बोल रहे थे |भगवान भाई ने कहा कि गुणवान व्यक्ति देश की सम्पतिहैं। विद्यार्थियों के सर्वांगिण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिकशिक्षा की भी आवश्यकता हैँ। चरित्र निर्माण ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होताहैं।उन्होंने कहा कि भोतिक शिक्षा भौतिकताकी ओर धकेल रही भौतिक शिक्षा की बजाय इंसान को नैतिक शिक्षा की आवश्यकता हैं।नैतिकशिक्षा से नैतिकता आएगी | प्रिंसिपल –विकास कुमार जी ने भी अपना उद्बोधन दिया और कहा की भौतिक शिक्षा की बजाय इंसान को नैतिक शिक्षा की आवश्यकता हैं। उन्होंनेसमाज में मूल्यों की कमी हर समस्या का मूल कारण हैं। बी के विनय भाई जी ने जीने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं मेंसशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं।नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक,कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचारआदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है।अंत में मेडिटेशन किया |कार्यक्रम में बी के विनय भाई ,बी के पंकज भाई, बीके गणेश भाई, बी के कुसुम बहनजी, बी केकविता बहनजी, बी के सुधीर भाई, ,मनोज ओहदार और शिक्षक स्टाफ उपस्थित थे |
बसिया : आध्यात्मिकता और नैतिकता से व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते है-भगवान भाई
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