छतरपुर:महिलाओं की मनः स्थिति परिवार के वातावरण को प्रभावित करती है समस्याओं के बीच रहते खुशनुमा जीवन जीना एक कला है-बीके शैलजा

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छतरपुर,मध्य प्रदेश। महिला परिवार की धुरी है, उसकी मनः स्थिति घर परिवार के वातावरण को अधिक प्रभावित करती है समस्याएं तो जीवन में आती रहती हैं, समस्या मुक्त जीवन संभव नहीं, पर इन सबके बीच रहते हुए भी खुशनुमः जीवन जीना एक कला है। यदि महिलाएं स्वयं इस कला में पारंगत हो जाए तो परिवार को भी खुशहाल रख सकती हैं। आध्यात्मिकता एवं राजयोग का अभ्यास जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण का विकास करता है और विपरीत परिस्थितियों में भी खुशहाल जीवन जीने की क्षमता विकसित करता है।
उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय छतरपुर किशोर सागर के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “खुशहाल महिला, खुशहाल परिवार” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई जिसमें गांधी आश्रम संचालिका दमयंती पाणि, बाल संप्रेषण गृह अधीक्षक सरोज छारी, हम फाउंडेशन प्रांतीय उपाध्यक्ष कोमल टिकरिया, इनरव्हील क्लब अध्यक्ष रश्मि तिवारी, दर्शना वृद्ध आश्रम संचालिका प्रभा विदु, गहोई समाज अध्यक्ष संगीता टिकरिया, जैन समाज समर्पण महिला मिलन मंडल अध्यक्ष पूजा जैन, डॉ संगीता नौगरिया, सुनीता पथोरिया सम्मिलित हुईं।
कार्यक्रम में कु गौरी द्वारा महिला सशक्तिकरण पर नृत्य प्रस्तुति, कु शिवांशी द्वारा होली पर नृत्य प्रस्तुत किया गया एवं ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा ज्ञानवर्धक एक्टिविटीज कराई गईं जिसमें सभी ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में बीके कल्पना द्वारा सभी का शब्दों द्वारा स्वागत किया गया तथा बीके रीना द्वारा मंच का कुशल संचालन किया गया।
इस आयोजन में 200 से अधिक गणमान्य महिलाओं ने भाग लिया और सभी को होली का आध्यात्मिक संदेश भी दिया गया।
इस मौके पर महिलाओं ने अपने अनुभवों को सांझा किया और ब्रह्माकुमारी द्वारा किए गए कार्यक्रमों की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में सभी का गुलाल के द्वारा तिलक किया गया और ईश्वरीय प्रसाद के साथ ईश्वरीय साहित्य भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।

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