मेडिकल प्रभाग तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त कार्यक्रम नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत ज्ञान शिखर में नशा मुक्त मध्यप्रदेश अभियान का भव्य शुभारंभ हुआ
इंदौर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल प्रभाग तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त कार्यक्रम नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत आज ब्रह्मा कुमार ओम प्रकाश भाई जी सभागृह ज्ञान शिखर में नशा मुक्त मध्यप्रदेश अभियान का भव्य शुभारंभ हुआ । इसमें ब्रह्माकुमारीज के इंदौर जोन से संबंधित सेवा केंद्रों के प्रतिनिधियों को समारोह पूर्वक ध्वज व कलश प्रदान किए गया।
इस अवसर पर नशा मुक्ति भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ सचिन परब ,मुंबई ने कहा कि नशा एक दिमागी बीमारी है और बार-बार होती रहती है इसमें व्यक्ति हानिकारक दुष्परिणाम के बावजूद नशीले द्रव्य पदार्थों और मादक पदार्थों का सेवन करता रहता है ।जिसके फल स्वरूप वह बुरी लत तथा आदतों का शिकार हो जाता है। उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधानों का हवाला देते हुए कहा कि मस्तिष्क में डोपामिन नामक पदार्थ की कमी के कारण लोग नशे के आदी हो जाते हैं। राजयोग मेडिटेशन से डोपामिन जनरेट होता है जो कि मन को नियंत्रित करता है और मनोबल को बढ़ाता है। इस तरह व्यक्ति नशे से मुक्त हो जाता है । राजयोग के अभ्यास से 97% लोगों में फिर से नशा करने की चाहना नहीं रहती और वह स्थाई रूप से नशे को त्याग देते हैं|
एक अध्ययन किया गया था जिसका उद्देश्य था भारत में ब्रह्माकुमारीज के द्वारा सिखाये जाने वाले राजयोगी जीवन शैली के प्रभाव को देखना था तंबाकू के नशेड़ी पर (2015)। यह पाया गया कि 97% उत्तरदाताओं को कोई पुनरावृत्ति नहीं हुई और वे तंबाकू की लत से स्थायी रूप से छुटकारा पा गए। इसके आगे, पाया गया कि 64% लोगों ने एक महीने से कम समय में तंबाकू की लत छोड़ दी, 9% लोगों ने 1-6 महीनों में लत छोड़ दी, 12% लोगों ने 7 से 12 महीनों में छोड़ दी, 6% लोगों ने 13 से 24 महीनों में छोड़ दी, 5% लोगों ने 25-60 महीनों में छोड़ दी और 3% लोगों ने 60 महीनों से अधिक समय में तंबाकू की लत छोड़ दी। एक और अध्ययन किया गया था जिसका उद्देश्य था भारत में ब्रह्माकुमारीज के द्वारा सिखाये जाने वाले राजयोगी जीवनशैली के प्रभाव को देखना था शराब की लत पर (2019)। इसमें पाया गया कि 64.35% प्रतिभागियों ने एक महीने के भीतर शराब छोड़ दी, 9.48% ने 6 महीनों के भीतर छोड़ दी, 12.21% ने एक साल के भीतर छोड़ दी जबकि 14.08% को शराब छोड़ने के लिए एक से अधिक साल लगे।
ब्रह्मा कुमारीज मेडिकल प्रभाग के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर बनारसी लाल शाह ने कहा कि सन 1984 से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं | उन्होंने बताया कि 4 मार्च को नई दिल्ली में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार एवं राज्यमंत्री रामदास अठावले की उपस्थिति में इस एम ओ यू ( मेमोरेंडम ऑफर अंडरस्टैंडिंग ) का सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं तब से पूरे देश में इस तरह से नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ सभी राज्यों में किया जा रहा है इस राष्ट्रव्यापी अभियान में तीन वर्ष में दस करोड़ लोगों को नशा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है | देश के 372 जिलों में स्कूल , कॉलेज , विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों में नशे से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागृति लायी जाएगी |
अतिरिक्त पुलिस निदेशक वरुण कपूर ने कहा कि पहले नशे की शुरुआत व्यक्ति के जीवन को खोखला करती है फिर परिवार समाज और देश को खोखला करती है आजकल नशीले पदार्थ भी कई तरह के निकले हैं l उन्होंने कहा कि शरीर को आदत पड़ जाती नशीले पदार्थ की लेकिन मन मजबूत होता है तो वह शरीर की कमजोरी के ऊपर विजय पा सकता है लेकिन यदि मन ही कमजोर हो जाए ,मन ही आदि हो जाए नशीले चीजों का तो उसके लिए तो राजयोग मेडिटेशन जैसे प्रयासों की ही आवश्यकता है इसलिए जागरूकता की बहुत आवश्यकता है उन्होंने कहा कि आजकल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल आदि की भी लत लग जाती है इस से भी छुटकारा पाने का कोई उपाय ढूंढना चाहिए। इसके लिए भी जागरूकता बहुत जरूरी है।
मेडिकैप्स विश्वविद्यालय के चांसलर रमेश मित्तल ने कहा कि बच्चों में नशे की आदत परिवार में माता-पिता के साथ संवाद की कमी के कारण लग जाती है । बच्चे छात्र-छात्राओं के रूप में पढ़ने के लिए बाहर जाते हैं तो माता-पिता से उनका संवाद टूट जाता है इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ संवाद जरूर करें ताकि बच्चा बुरे संग में आकर गलत आदतों का शिकार ना हो |
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि हमारे भारत देश को विश्व गुरु बनाने में युवा शक्ति का बहुत बड़ा रोल है लेकिन खेद है कि आज युवा नशीले पदार्थों एवं अनेक प्रकार की सामाजिक बुराइयों के गिरफ्त में आकर पथ भ्रमित हो गया है | ब्रह्माकुमारी संस्थान आध्यात्मिक ज्ञान राजयोग मेडिटेशन एवं आत्मिक प्यार देकर युवा शक्ति को मनोबल बढ़ाने का श्रेष्ठ कार्य कर रही है |
इस अवसर पर इंदौर के कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने कहा कि नशा मुक्ति एक बहुत बड़ा चुनौती का काम है, मुश्किल है लेकिन कठिन नहीं है। नशा मुक्ति केंद्र की संख्या में कमी है और नशा मुक्ति के लिए काउंसलिंग परामर्श के माध्यम से उपचार कर सकते हैं । आप ने कहा कि सभी सामाजिक संस्थाओं को एक साथ मिलकर नशे के खिलाफ बड़ी आवाज उठानी होगी । तो इससे नशे को त्यागने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलेगी और समाज नशा मुक्त बनेगा । इस तरह के अभियानों की सख्त जरूरत है उन्होंने इस अभियान के प्रति इंदौर जिले में प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया |
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कमेटी के चेयरमेन डॉ दिलीप आचार्य ने कहा कि 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच बच्चों में नशे की लत पड़ जाती है सबसे पहले तंबाकू के लत लगती है । आजकल नशे के लिए कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और इंजेक्टबल पदार्थ भी आ गए हैं इसलिए क्षेत्र में कार्य करने की बहुत आवश्यकता है ।
माउंट आबू की ब्रह्मा कुमारी मनीषा ने इस अवसर पर मेडिटेशन का क्रियात्मक अभ्यास करवाया। कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर किया | संचालन बिलासपुर से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने किया। शक्ति निकेतन की कन्याओं द्वारा ऐरावत नृत्य प्रस्तुत किया गया । इंदौर जोन मेडिकल विंग की क्षेत्रीय संयोजक ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने सभी का आभार माना।डॉक्टर सचिन परब ने नशा नहीं करने और दूसरो को भी नशा मुक्त बनाने की प्रेरणा देने की प्रतिज्ञा करवाई।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव माननीय कैलाश विजयवर्गीय ने भी वर्चुअली अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संस्था के समीपवर्ती जिलों से तथा राजस्थान से कोटा बूंदी झालावाड़ बस्सी तथा मध्यप्रदेश के राजगढ़ देवास उज्जैन रतलाम मंदसौर तथा सीतामऊ, नरसिंह,खंडवा आदि स्थानों ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े भाई बहने पधारे जिन्हें कलश और ध्वज प्रदान कर अभियान का शुभारंभ किया गया।