छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज द्वारा मनाए जा रहे सप्त दिवसीय पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में कल्पतरुह अभियान में सहयोग देने वाले पर्यावरण मित्रों का सम्मान

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पेड़ लगाना अच्छा कार्य है लेकिन पिता बन कर हृदय से उसकी सेवा करना उससे भी बड़ा पुण्य हैअच्छे कार्य में सहयोग देना हम सभी का कर्तव्य है

छतरपुर, मध्य प्रदेश। सर्वविदित है कि पिछले वर्ष प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा एक वृहद परियोजना जिसका नाम था कल्पतरुह अर्थात रूह को तरु से जोड़ना और उसकी लगभग 75 दिन सेवा करना इसी उद्देश्य से ब्रह्माकुमारीज छतरपुर द्वारा लाखों पौधे लगवाए गए थे। यह पौधे ऐसे स्थानों पर लगवाने का संकल्प था जो कैंपस बंद है चाहे किसी का फार्म हाउस हो, स्कूल हो या किसी के खेत हो जहां पर सुरक्षा व्यवस्था हो और पानी की भी व्यवस्था ठीक हो और पेड़ लगाने वाला व्यक्ति उन पेड़ों की पूर्ण जिम्मेवारी ले।
क्योंकि पेड़ लगाना आसान है लेकिन उनकी बच्चों की तरह देखभाल करना और अपने पॉजिटिव वाइब्रेशन उन्हें प्रदान करना यह लोगों को कठिन लगता है जबकि पेड़ लगाने से ज्यादा पुण्य उनकी पालना करने वाले को प्राप्त होता है इसलिए वृक्ष केवल लगाइए नहीं पिता बन कर उनकी संभाल भी कीजिए।
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस को ब्रह्माकुमारी द्वारा पूरे 7 दिन मनाया जा रहा है और कल्पतरुह अभियान में जुड़ने वाले सहयोगी वृक्ष पालकों का सम्मान किया जा रहा है जिन्होंने कम से कम 8 से 10 वृक्ष बचाए हैं वह सम्मान के पात्र हैं। पर्यावरण दिवस के दिन ग्राम गोरारी, रामगढ़,बगौता सहित अन्य गांव एवं लोकल छतरपुर में वृक्षों की पालना करने वाले भाई बहनों का ब्रह्माकुमारीज द्वारा विशेष सम्मान किया गया। इस परियोजना में सबसे ज्यादा किसानों को जोड़ा गया था क्योंकि किसान देश की शान है और उससे अच्छा प्रकृति को कोई समझ नहीं सकता है।
ब्रह्माकुमारी शैलजा बहन ने कहा की अच्छे कार्य में सहयोग देना हम सभी का कर्तव्य है हम ऐसे ही मिलकर अच्छे कार्य करते रहें ताकि हमारे लिए शुद्ध हवा, जल और प्रकृति के सभी तत्व जीवित बने रहें क्योंकि उन्हीं से हमारा जीवन है।
बीके रीना, कल्पना बहन, मोहिनी, नम्रता बहन रजनी बहन एवं अन्य बहनों ने गांव गांव जाकर लोगों को सम्मानित किया। अभी यह कारवां थमा नहीं है अभी है और आगे बढ़ेगा।


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