रायपुर: परिस्थितियाँ हमें सिखाने के लिए आती हैं इसलिए उनसे तनाव में न आएं…ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी

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– परिस्थितियाँ हमें सिखाने के लिए आती हैं इसलिए उनसे तनाव में न आएं…
– तनाव मुक्त जीवन बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन को अपनाएं …
– रोज सुबह ध्यान अथवा मेडिटेशन से अपनी आत्मा को चार्ज कर लें…

रायपुर, छत्तीसगढ़: हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का वार्षिक वितरक सम्मेलन आज होटल हयात में आयोजित किया गया। जिसमें तनाव मुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान देने के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी को आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन में हन्दुस्तान पेट्रोलियम के मुख्य क्षेत्रीय प्रबन्धक पंकज प्रकाश रत्न पारखी और सहायक विक्रय प्रबन्धक अनूप कुशल पाण्डे सहित पूरे छत्तीसगढ़ के वितरकगण उपस्थित थे।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने अपने उद्बोधन में बतलाया कि बाहरी कार्यों का दबाव हमारे अन्दर तनाव पैदा करता है। इसलिए तनाव से बचने के लिए स्वयं पर अटेन्शन देकर बाहरी दबाव को अपने उपर हावी नहीं होने देना है। तनाव से बचने के लिए मुस्कुराने की आदत डाल लें। हमारे मुस्कुराने से सामने वाला व्यक्ति भी मुस्कुराने लगता है। इस प्रकार मुस्कुराने से दोनों का तनाव दूर हो जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि तनाव मुक्त जीने की कला ए बी सी और डी अक्षर में छिपा है। अब हम ए फार एप्पल नहीं बल्कि ए फार अटेन्शन कहेंगे। स्वयं पर अटेन्शन देना है कि मैं शरीर नहीं बल्कि इसे चलाने वाली चैतन्य शक्ति आत्मा हूँ। हमेशा स्वयं को विशेष समझें। न किसी से स्वयं की तुलना करें और न ही प्रतिस्पर्धा करें। दूसरा शब्द है बी फार ब्रेक। यानि कि तुरन्त रियेक्ट न करें। इससे काम बिगड़ जाता है। पहले कुछ पल रूकें, सोचें कि मैं जो बोल रहा हूँ वह उचित होगा या नहीं फिर उसके बाद प्रतिक्रिया दें। तीसरा शब्द है सी फार कनेक्शन। अर्थात राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा के साथ कनेक्शन। और चौथा शब्द है डी फार डान्स। जब आत्मा तनावमुक्त हो जाती है तब खुशी से डान्स करती है।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि तनाव हमारे सोच का परिणाम है। परमात्मा ने हमें सोचने की शक्ति दी है। यह बहुत बड़ा खजाना है। सुबह सोकर उठने के बाद दस मिनट तक हमारी अन्तर्चेतना जागृत अवस्था में रहती है। उस समय अवचेतन मन को हम जो भी विचार देते हैं उसे वह पूरा करने में लग जाती है। मेडिटेशन से अन्र्तमन को शक्तिशाली बना लेने से नकारात्मक विचारों का हमारे मन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता।

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