माउंट आबू: ज्ञान सरोवर में शिपिंग, विमानन व पर्यटन सेवा प्रभाग की ओर से आध्यात्मिक सशक्तिकरण यात्रा विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन

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ईश्वर का ध्यान मन को सुकून देता, शांति मिलती है : मोहंती

माउंट आबू,राजस्थान: ओडिशा लोकायुक्त जीता सत्र मोहंती ने कहा कि ईश्वर का ध्यान मन को सुकून देता है। शांति, प्रेम, सुख, पवित्रता की अनुभूति होती है। कल्याणकारी शिव परमपिता परमात्मा शांति का सागर है जो मन के सारे दुखों, संताप, नकारात्मक विकृतियों को हर लेता है। मन का शुद्धिकरण हो जाता है। ब्रह्माकुमारी बहनें निरंकारी बनकर बिना किसी भेदभाव के व्यापक स्तर पर हर वर्ग की जो सेवा कर रही है वह ईश्वर की शक्ति का ही परिणाम है। यह बात उन्होंने शनिवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में शिपिंग, विमानन व पर्यटन सेवा प्रभाग की ओर से आध्यात्मिक सशक्तिकरण यात्रा विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
ब्रह्माकुमारी संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला दीदी ने कहा कि जीवन में आने वाली चुनौतियों, परिस्थितियों को राजयोग से मनोबल बढने पर सहज रूप से पार किया जा सकता है। राजयोग से मन की सारी उलझनें समाप्त हो जाती हैं।

 ओडिशा पर्यटन विकास कार्पोरेशन एवचेयरमैन डॉ. लेनिन मोहंती ने कहा  की ब्रह्माकुमारी की ओर से सिखाई जा रही स्प्रीचुअली जर्नी से मानव अपनी शक्तिशाली ऊर्जावान अस्तित्व से जुड़ता है।  शाकाहारी भोजन से मन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

 गाज़ियाबाद से आये एकेजी इंजीनियरिंग कॉलेज प्रबंध निदेशक डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ने अपने जीवन की आध्यात्मिक यात्रा के अनुभव सांझा करते हुए कहा कि समय पर ही स्त्रीचुअलटी को अपनी सोच, बोल, संबंध संपर्क में अपना लेना चाहिए।
 प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी मीरा दीदी ने कहा कि जीवन ही एक यात्रा है। बीती यात्रा की बातों को बीता समझ वर्तमान के सुनहरे पलों को व्यर्थ में नहीं गंवाना चाहिए।जिससे स्ट्रैस फ्री लाईफ सहज अनुभव की जा सकती है। 

जिंदल लाइफ स्टाइल मैनेजिंग डायरेक्टर दीपिका जिंदल ने कहा कि छोटी-छोटी समस्याओं से उत्पन्न द्वंद्वात्मक प्रश्नों की उलझन से बाहर निकलने के लिए ईश्वरीय ज्ञान व सहज राजयोग संजीवनी बूटी की तरह कार्य करता है।

 प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कमेलश बहन, अधिशासी सदस्या बीके प्रवीणा बहन ने भी विचार व्यक्त किए। अतिथियों की ओर से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।

मेरी संस्कृति मेरी पहचान, मेरा देश मेरी शान विषय पर कार्यक्रम में कलाकारों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति

ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर में शिपिंग, विमानन व पर्यटन सेवा प्रभाग के बैनर तले चल रहे राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत रविवार को ओडिशा कटक से आए कलाकारों मेरी संस्कृति मेरी पहचान, मेरा देश मेरी शान विषय पर आधारित लघु नाटिका, नृत्य, गीत, संगीत की प्रस्तुति से युवाओं में देशप्रेम जगाने की अलख को लेकर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सम्मेलन सहभागियों को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

 सिलसिलेवार चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य प्रशिक्षिका, कोरियोग्राफर स्वप्ना रानी सिन्हा, स्वर्णिका दास, दीपा बेहरा, देवस्मिता प्रधान, अनुष्का पटनायक, प्रीति नंदा, पल्लवी सतपथी, अनुष्का साहू सौम्या प्रियदर्शनी पत्ती आदि कलाकारों ने भारत की संस्कृति को दिव्य नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया। विभिन्न प्रकार के गीतों पर सिर पर जिसके ताज हिमालय सागर चरण पखारे….. सोन चिरैया कहकर जिसको दुनिया अब तक पुकार….( पंछी सुर मैं गाते, भंवरे गुनगुनाते हैं, ‘धरती सुनहरी अम्बर नीला, हर मौसम रंगीला ऐसा देश है मेरा…’जहाँ हर कदम कदम पर धरती बदले रंग…. \’होठों पर सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी है जिस देश मैं गंगा बहती है…. गीतों के माध्यम से बेहतरीन नृत्य, नाटिका की प्रस्तुति देकर भाव विभोर कर दिया।लघु नाटिका के मंचन ने दर्शकों को बांधे रखा
मेरी संस्कृति मेरी पहचान के तहत प्रस्तुति के चलते जब तक संस्कृति है तब तक आशा है…, बिना संस्कृति के मानवता का विनाश है…, संस्कृति के बिना मानवता अधूरी है….. यह देश है तर्पण की भूमि, अर्पण की भूमि…, तपस्या की भूमि… लघु नाटिका की प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखने में कामयाबी अर्जित की। पावन धरती भारत को फिर से स्वर्ग बनायेंगे…, चलो दुनिया को स्वर्ग बनाएं हम प्रेम से और प्यार से…..सर्व के सहयोग से, सर्व के सहकार से… गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर
दिया। भारतीय संस्कृति हमारी धरोहर है। इसे संजोकर रखना हम सबका परम कर्तव्य है … नाटिका की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। ओ देश मेरे तेरी शान में सद के… तू बाग है मेरा मैं तेरा परिंदा… अभी याद करे जो जमाना, माटी के लिए मर मिट जाना.. गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को तालियों की गडगड़ाहट के लिए मजबूर कर दिया। भारत देश हमारा सबसे है प्यारा, इस बगिया के हैं हम महकते फूल यही है सौभाग्य हमारा है….. गीत की प्रस्तुति से दर्शकों का मन प्रफुल्लित हो उठा।

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