मोहाली: तनाव मुक्त रहने के गुर तथा राजयोग ध्यान की तकनीक सिखाई

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ब्रह्माकुमारीज़ ने हॉकी स्टेडियम में हाकी शिक्षार्थियों को सिखाए तनाव मुक्त रहने के गुर राजयोग मानव में लाता है धैर्य और संयम – बी.के.मीना

मोहाली,पंजाब: पंजाब भर से आये हाकी शिक्षार्थियो,ं कोचों व वार्डनस को ब्रह्माकुमारी बहनों ने आज यहां पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स के परिसर स्थित हॉकी स्टेडियम में तनाव मुक्त रहने के गुर तथा राजयोग ध्यान की तकनीक सिखाई जिसमें 300 से अधिक हाकी शिक्षार्थी कोच व वार्डन शामिल थे। कार्यक्रम का विषय था तनाव मुक्त जीवन ।
राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मन में नकारात्मक व व्यर्थ विचारों के कारण मानव में तनाव व क्रोध पैदा होता है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है । उन्होंने इस संबंध में बताया कि सदा कठिन से कठिन हालातों में सकारात्मक रहें क्योंकि नकारात्मकता मन की शक्ति को नष्ट करती है जिस कारण हमारी कार्यक्षमता कम हो जाती है । पिछली बातें मन में बार-बार ना दोहरायें क्योंकि इनसे मन भारी हो जाता है । ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने जोर देकर कहा कि जो परिस्थितियां हमारे नियंत्रण में नहीं है उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए । सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार और संस्कार भी हमारे नियंत्रण में नहीं है उनके बारे में सोच कर तनाव नहीं लेना चाहिए । हमारे संकल्पों का शरीर व वातावरण पर सीधा असर होता है अतः नकारात्मक विचारों का असर हमारे शरीर पर बीमारी के रूप में सामने आता है इसलिए कहा जाता है चिंता चिता समान है, खुशी जैसी खुराक नहीं । उन्होंने आगे कहा के संकल्प शक्ति दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शक्ति है, सकारात्मक विचारों व दृढ़ता से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है इसलिए वर्तमान समय बहुत जरूरत है अपने मन के अंदर चलने वाले विचारों को सही दिशा देने की । राजयोग से मानव में धैर्य व संयम आता है तथा सदाचार की भावना से परिपूर्ण करता है । इसकी विधि है राजयोग मेडिटेशन, जिसके नियमित अभ्यास से हम हर प्रकार के तनाव से मुक्त हो सकते हैं और जीवन खुशनुमा बना सकते है़ । कार्यक्रम के अंत में ब्रम्हाकुमारी मीना बहन ने राजयोग ध्यान की तकनीक के बारे विस्तार से बताया तथा राजयोग का अभ्यास भी कराया जिससे सभी बच्चों और कोचों ने बहुत ही शांति और सुकून का अनुभव किया । इस कार्यक्रम में हाकी कोच गुरदीप सिंह, मनमोहन सिंह, एथलिटिस कोच विकरम सिंह, जिम कोच समीर देब, सहायक हाकी कोच सुख पाल सिंह, वार्डन तरसेम लाल व हरप्रीत कौर आदि भी उपस्थित थे । अंत में सभी को ईश्वरीय साहित्य व निःशुल्क राजयोग सीखने का निमंत्रण दिया गया ।

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