बहादुरगढ़, हरियाणा: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेक्टर 2 सेंटर पर रक्षाबंधन का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर ब्रह्माकुमारी विनीता दीदी ने राखी के पर्व के आध्यात्मिक अर्थ की चर्चा की और भाई-बहन के प्रेम का महत्व पर विचार किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने मन, विचार, और क्रियाओं की रक्षा करके आत्मा की पवित्रता और ऊँचाइयों को बनाए रखना चाहिए। इस समर्पण और प्रेम के पर्व के माध्यम से ब्रह्माकुमारी सेंटर ने समाज में सद्भावना, शांति और सामर्थ्य की महत्वपूर्णता को प्रमोट करने का उद्देश्य प्राप्त किया है। आध्यात्मिकता के साथ मिलकर राखी के पर्व को एक आदर्श तथा पवित्र उत्सव बनाने का प्रयास किया गया है।
रक्षाबंधन का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए बी के रेनू दीदी जी ने कहा की यह पर्व विशेष रूप से प्रेम, सद्भावना, एकता, और आध्यात्मिक संबंधों के महत्व को प्रकट करता है। इस पर्व में राखी के बंधन से न केवल भाई-बहन के बीच एक सामान्य संबंध का प्रतीक होता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उत्सव भी है जो आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को प्रमोट करता है । यह उत्सव हमें याद दिलाता है कि हमारे आपसी संबंध कितने महत्वपूर्ण होते हैं और हमें एक-दूसरे के सहयोग में रहना चाहिए। राखी का बंधन हमें यह सिखाता है कि हमें दूसरों की सुरक्षा और खुशियाँ सुनिश्चित करने की दिशा में अपने योग्यता और संकल्प का प्रदर्शन करना चाहिए।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, यह पर्व हमें हमारे आत्मा की अद्वितीयता और परमात्मा से आत्मसाक्षात्कार की महत्वपूर्णता को समझाता है। हमारी आत्मा को परमात्मा के साथ एक करने की प्रक्रिया में रक्षाबंधन हमारे स्वरूप की समझ और आत्मानुभूति की दिशा में मदद करता है। इस पर्व के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज हमें आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करते हैं और हमें आपसी सद्भावना, प्रेम, और सहयोग के महत्व की समझ दिलाते हैं। वे यह भी बताते हैं कि आध्यात्मिक संबंध कैसे हमारे जीवन को समृद्धि और शांति से भर देते हैं।
इस आयोजन में एक 101 फुट लंबी राखी बनाई गई है, जिसको देखने के लिए दर्शकों का हुजूम उमड़ रहा है। यह राखी 30 तारीख तक सेंटर में रखी जाएगी, ताकि आमजन इसे देख सके। इस अद्वितीय राखी के माध्यम से ब्रह्माकुमारी सेंटर ने आध्यात्मिक संदेश को आम जनता के बीच पहुँचाने का संकल्प लिया है।
ब्रह्माकुमारी अंजली दीदी ने बताया कि राखी का पर्व दिखाता है कि भाई-बहन के प्रेम और सद्भावना का महत्व क्या है। यह एक आध्यात्मिक एकता की भावना को प्रकट करता है और एक-दूसरे के साथ सहयोग की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। रक्षाबंधन के पर्व पर हम एक-दूसरे को राखी बांधते हैं, जिससे भाई-बहन के प्रेम की भावना दर्शाई जाती है। यह आपसी समरसता, सहयोग, और सामर्थ्य की भावना को प्रकट करता है। यहां रक्षाबंधन का आध्यात्मिक अर्थ होता है कि हमें एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए ताकि हम एक समरस और सद्गुणों से भरपूर विश्व का निर्माण कर सकें।
इस समर्पण और प्रेम के पर्व के माध्यम से ब्रह्माकुमारी सेंटर ने समाज में सद्भावना, शांति और सामर्थ्य की महत्वपूर्णता को प्रमोट करने का उद्देश्य प्राप्त किया है। बी के इंदू बहन एवम् बी के संदीप भाई ने भाई बहन के प्रेम पर आधारित एक आध्यात्मिक गीत गया।आध्यात्मिकता के साथ मिलकर राखी के पर्व को एक आदर्श तथा पवित्र उत्सव बनाने का प्रयास किया गया है।