हमें जो भी मिला है स्वयं के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए है, यही संदेश देते हैं हमारे गणपति बप्पा- बीके शैलजा
छतरपुर,मध्य प्रदेश। हर तरफ गणेश उत्सव की धूम है,पूरा भारत देश गणपति बप्पा मोरिया की भक्ति में लगा हुआ है। हमारी भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार उत्सव के रूप में ही मनाया जाता है और यदि उत्सव की बात करें तो ब्रह्माकुमारीज द्वारा मनाया जाने वाला हर आयोजन ही उत्सव है जो केवल अकेले नहीं बल्कि सारे विश्व को अपना परिवार मानकर सबके साथ मिलकर हर त्यौहार मनाता है और सबके साथ अपनी खुशियों को बांटता है।
इस वर्ष ब्रह्माकुमारीज छतरपुर किशोर सागर द्वारा अपनी माटी से जुड़े रहने के लिए अपने पर्यावरण को बचाने के लिए श्री गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित की गई। स्थापना की तृतीय दिवस सतगुरुवार के दिन श्री गणेश जी के निमित्त महाआरती का आयोजन किया गया और उनको विशेष प्रसाद लगाया गया।
इस अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने श्री गणेश जी के श्री मुख से लेकर बड़ा पेट, बड़े कान, चूहे की सवारी क्यों दिखाई गई है इसका आध्यात्मिक रहस्य बताया और कहा की गणेश जी के हाथ में लड्डू है लेकिन कभी उन्हें लड्डू खाते हुए या आधा लड्डू उनके हाथ में नहीं दिखाया गया है, इसका तात्पर्य है कि उनको मिला हुआ तो सब है, प्राप्ति सब है लेकिन वह प्राप्ति अपने लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए है, जो कुछ पाया है वह बांटने के लिए है सिर्फ स्वयं के लिए नहीं है।
इस भक्तिमय वातावरण में सर्वप्रथम श्री गणेश जी की सभी ने मिलकर आरती की फिर उनको मोदक का भोग स्वीकार कराया गया।
महाआरती में चौरसिया समाज अध्यक्ष मानिक चौरसिया जी, प्रदेश संयोजक साहित्य एवं कला अबनींद्र खरे, खजुराहो एयरपोर्ट एजीएम सौरभ यादव, प्रोजेक्ट अकाउंट ऑफिसर राजेश रूपौलिया सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं समस्त ब्रह्माकुमारीज परिवार शामिल रहा।
आरती के पश्चात सभी ने श्री गणेश के जयकारे लगाए और विघ्न विनाशक श्री गणेश की तरह सबकी बातों को सुनकर सहजता से समाने की प्रतिज्ञा की तत्पश्चात प्रसाद ग्रहण किया ।