पाली (कोरबा छत्तीसगढ़ ):
सशक्त नारी समाज का आधार स्तंभ है । वर्तमान की छात्राए भविष्य की नारी है | वर्तमान की छात्राओं में नैतिक और आध्यात्मिक द्वारा सशक्त बनाकर भविष्य की नारी को सशक्त बनाया जा सकता है । जहां सशक्त नारी वहीं समाज, परिवार, देश राष्ट्र भी सशक्त बनेगा । उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे। वे आदिवाशी कन्या छात्रावास में नैतिक शिक्षा से सशक्त नारी विषय पर बोल रहे थे ।
उन्होंने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति, दूरदर्शन एवं अनेक व्यावसायिक चैनलों एवं पैसों की दौड़ आदि के प्रभाव में नारी आधुनिकता की लहर में अपने नैसर्गिक नैतिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है। इसका प्रभाव समाज पर दिखाई दे रहा है । उन्होंने बताया वर्तमान समय नारी अपना कर्तव्य प्रति जागृत और अडिग रहने कि आवश्यकता है ।
भगवान भाई ने कहा कि आज के समाज में रूढ़ियां, कुरीतियां, रीतिरिवाज, साम्प्रदायिकता बढ़ने लगी है। इस कुचक्र में नारी फसंती गयी। नारी के अधोपतन से समाज का भी पतन होने लगा है। नारी परिवार की धुरी और समाज की ईकाई है। उन्होंने कहा कि माता संतान की प्रथम गुरू है। वह स्वयं यदि शिक्षित है, गुणवान है, सर्मथ है, सशक्त है आत्मबल आत्म सम्मान महसूस करती है तो वही संस्कार वो संतान को देती है।
उन्होंने आगे बताया कि कि राजयोग के अभ्यास द्वारा स्वयं को तनावमुक्त बनाकर सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नारी जागी तो समाज जागा और नारी सोई तो समाज सोया। अब आध्यात्मिक ज्ञान से स्वयं को जागृत सशक्त बनाए। नैतिक शिक्षा से ही हमारा चरित्र महान बनटा है | नैतिक शिक्षा से हमें अच्छा व बुरा इसका भेद पता चलता है |
वार्डन रामेश्वरी जी ने सभी छात्राओं को कहा की जो बाते ब्रह्माकुमारी द्वारा सुनी उसे अपने आचरण में जरुर लाकर भविष्य में सशक्त नारी बनकर समाज का फैला हुआ अन्धाकर जरुर मिटाना तब आपका जीवन सार्थक होगा |
स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र की प्रभारी बी.के. जानकी बहन ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि हम अपने भूतकाल में जाते है तो नारी शक्ति के रूप में पूजी जाती थी । अभी हमें अपने सोच बदलने की, विचारों में परिवर्तन लाने की और अपने शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में चाम्पा ब्रह्माकुमारीज की प्रभारी बी के रचना बहाना जी , बी के प्रकाश भाई , कर्मचारी रेनू श्रीवास्तव , सुभद्रा आदि भी उपस्थित थे |
कार्यक्रम के अंत में कुछ छात्राओं ने इस कार्यक्रम का लाभ और अनुभव सुनाया |
कार्यक्रम के अंत में मेडीटेशन भी कराया गया |