मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरमावलीकरा: राजयोग द्वारा आत्म जागृति संभव - भगवान भाई

मावलीकरा: राजयोग द्वारा आत्म जागृति संभव – भगवान भाई

मावलीकरा (केरल):

वर्तमान में हमें देवतायी गुणों व विशेषताओं को धारण कर उनका अनुसरण करने कर पूजन योग्य बनने कि जरूरत है । वर्तमान समय नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के पतन ने रिश्तों की मर्यादा को खत्म कर दिया है। भारत को विश्व गुरू बनाना है तो हमें परमात्मा  के श्रीमत पर चलना होगा। समाज के अधोपतन को रोकने के लिए उनके देवतायी गुणों और विशेषताओं को जीवन में धारण करना होगा। इससे ही हमारे जीवन में श्रेष्ठता आएगी और रामराज्य का सपना पूरा हो सकेगा| उक्त उदगार ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए बी के भगवान् भाई जी ने कहे | वे आज स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर  रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दीप प्रज्वलन कर दीपाली उत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे |

उन्होंने कहा कि यह दीप आत्म दीप का प्रतीक है इस दीपक साथ आत्म दीपक जगाकर फिर से इस धरतीपर रामराज स्थापन करना है | उन्होने कहा कि आत्म दीपक जगाने से विकार रपी अन्धकार समाप्त होगा और फिर से रामराज आयेगा | ब्रह्मा बाबा के आदर्शों को जीवन में धारण करने से गुणवान बन सकेंगे | बी के दिशा बहन जी प्रभारी कहा कि राजयोग द्वारा हम संस्कार परिवर्तन कर महान बन सकेंगे |

उन्न्तिताव – रेलवे इंजिनियर जी ने कहा कि अब तो देश के युवा आध्यात्मिक द्वारा  के चरित्र को महान बनाकर  अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।

तम्बी भाई – डायरेक्टर कृषि विभाग जी ने भी अपने उदगार व्यक्त किया |

बी के सोनिया बहन जी ने भी अपना उदगार व्यक्त करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया |

इस अवसर पर सभी ने राजयोग का आभ्यास भी किया |

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