जो अपनत्व की भावना, शुभ बोल और मुस्कुराहट से पीड़ित को ठीक करे उस कृति का नाम है नर्स- ब्रह्माकुमारीज़
साहस और निडरता से भरपूर धरा पर अवतरित फरिश्ता है नर्स
छतरपुर, मध्य प्रदेश। ईश्वर ने जब संसार की रचना की तो उसमें एक अनोखी कृति बनाई और उसके अंदर दया, उदारता, सेवा भावना का बीज रोपित किया। उस कृति के भीतर साहस और निडरता रूपी गुण भरकर दीन-दुखियों, रोगियों की सेवा के लिए इस धरा पर भेज दिया,वह एक ऐसी कृति है जिसके अंदर मां की तरह देखभाल करने की कला,रोगियों की सेवा के लिए नींद का भी त्याग, पीड़ितों की सेवा करके उन्हें अपनेपन की भावना देकर हील करने वाली उस विशेष कृति का नाम रखा गया नर्स।
उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर में ब्रह्मा कुमारीज़ के मेडिकल विंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस जिसकी इस वर्ष की थीम थी ‘हमारी नर्सेज हमारा भविष्य’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा ने व्यक्त किये।
कार्यक्रम की शुरुआत में आमंत्रित सभी नर्सों का उपर्णा, तिलक, वैज के द्वारा विशेष सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में नर्सिंग ऑफिसर एसएनसीयू शगुन, एमएच कोऑर्डिनेटर वर्षा चतुर्वेदी सहित नर्सेज उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर बीके कल्पना ने कहा कि आप सभी की निडरता और साहस तो कोरोना महामारी के समय सारे विश्व ने देख लिया। जब हर एक व्यक्ति अपने घर में रहकर भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था उस समय आप घर के बाहर जाकर अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर पीड़ितों को सुरक्षित कर रही थीं। इसी नि:स्वार्थ सेवा भावना के लिए आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर सारे विश्व की नर्सेंज को कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। आप सभी साहस, निडरता से भरपूर इस धरा पर अवतरित फरिश्ता हैं।
कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा अनेक प्रकार की ज्ञानवर्धक एक्टिविटीज कराई गई एवं बीके रजनी द्वारा मेडिटेशन कराया गया तत्पश्चात सभी को ईश्वरीय स्लोगन, साहित्य एवं प्रसाद भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में आई हुई सभी नर्स बहनों ने इस कार्यक्रम के लिए ब्रह्माकुमारी बहनों को बहुत धन्यवाद दिया और कहा कि आपके द्वारा दिए गए सम्मान को हम कभी नहीं भूलेंगे और यहां आकर हमें एक नई दिशा मिली है और ज्यादा उमंग उत्साह से कार्य करने की शक्ति मिली है।