अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद् सेवा प्रभाग द्वारा नव विश्व भवन चोपड़ापारा में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये आयोजित उमंग समर कैम्प 2024 के सातवें दिन को सहयोग दिवस के रूप में मनाया गया। मैं आज्ञाकारी आत्मा हूँ और बच्चों को ईमानदारी से हर कार्य समय पर पूर्ण करके सफल होने की शिक्षा दी गयी।
सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी बच्चों को सफलता प्राप्त करने का 3 सूत्र बताते हुये कहा कि सफलता का अर्थ ही हैं, मूल्यवान लक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से प्राप्त करना। हमें सिर्फ अपने लिये सफल व्यक्ति नहीं बनना है, बल्कि अपने समाज और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाला सफल व्यक्ति बनना। सफल व्यक्ति बनने के लिये सर्वप्रथम अपना व्यक्तित्व चरित्रवान बनाना होगा जिसमें एक- दूसरे के प्रति सम्मान, आदर समाया हो, अपना हर कार्य क्रमबद्ध तरीके से करना होगा, स्वयं का जीवन गुणों से भरपूर बनाना होगा अर्थात् विनम्रता से पूर्ण और हर कार्य बहुत उमंग- उत्साह से करे क्योंकि जीवन में मायने यह नहीं रखता है कि हम कितने बुद्धिमान और धनवान है परन्तु हम कितना निःस्वार्थ भाव से और अपने श्रेष्ठ व्यवहार लोगों की मदद करके जितना दुआयें कमाते है उससे ही हमारा पहचान बनता है जिससे हम चरित्रवान व्यक्ति बन जाते है और आगे उन्होंने बच्चों को प्रेरणादायक कहानी सुनाते हुये कहा कि जीवन में एकाग्रता और स्वयं पर विश्वास होना बहुत आवश्यक है तथा अपने अन्दर की कमजोरी को अपनी ताकत बना ले तो जीवन में सफल होने से कोई भी रोक नहीं सकता है। बच्चों का मेमॉरी पॉवर बढ़ाने के लिये एक्टिविटी भी कराया।
ब्रह्माकुमारी ममता बहन बच्चों को परमात्मा का परिचय रचनात्मक ढंग से देते हुये कहा कि वर्तमान समय हम लोग भगवान से बहुत दूर होते जा रहे है, परन्तु यदि भगवान को भगवान के रूप में ना याद करके बल्कि उस भगवान को खुदा दोस्त, पिता के सम्बन्ध याद करेंगे तो वो सदैव हमारे साथ रहेंगे, हमें गाइड करते रहेंगे। परमात्मा का जो हमें प्रेरणा देते वो बहुत सूक्ष्म है, उसे शांत मन से ही कैच कर पायेंगे इसलिये हर कार्य करने से पहले परमात्मा को याद करने से जीवन में निश्चित ही सफल हो जायेंगे।
बच्चों की एकाग्रता की चेकिंग करने लिये माया का फन्दा खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बच्चों ने भाग लिया।