इंदौर: ज्ञानशिखर, न्यू पलासिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया

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इंदौर,मध्य प्रदेश। वर्षा जल संरक्षण कर घटते भूजल स्तर को सुधारने तथा वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर वायु प्रदूषण तथा धरती के बढ़ते तापमान को कम करने का प्रयास किया जाना चाहिए। प्रकृति प्रेमी बन, छोटे-छोटे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण का बड़ा कार्य कर सकते हैं। इसके लिए समाज स्तर पर व्यापक जन चेतना के द्वारा जन जागृति लाने की आवश्यकता है। उक्त विचार 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष पर “हमारी धरती, हमारा भविष्य” विषय पर ब्रह्माकुमारीज के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा ज्ञान शिखर, ओम शांति भवन में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किये।  इंदौर नगर पालिका निगम के अपर आयुक्त अभय राजगांवकर ने कहा कि हमारे यहां पुरातन सभ्यता, धर्म एवं संस्कृति से भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता था। हमारे यहां नदी, जल, पेड़, पौधे तथा पशु-पक्षी के प्रति भी आदर भाव रखते थे तथा पूजे जाते थे, परंतु आजकल उपभोगवादी पाश्चात्य संस्कृति के द्वारा इन्हें पिछड़ापन करार दिया गया है। इसके कारण प्रकृति का दोहन, वृक्षों की कटाई शुरू कर दी है। इस दिशा में प्रकृति संरक्षण हेतु सबको सामूहिक प्रयास करना होगा। नगर पालिका निगम द्वारा बरसात का जल संरक्षण करने के लिए नलकूप तथा वायु प्रदूषण न हो इसके लिए निर्माण कार्य जहां होते हैं वहां पर कर्टन, आदि लगाए जा रहे है ताकि प्रदूषण ना फैले।

इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि आज मानव मन के नकारात्मक विचारों के कारण प्रकृति और पर्यावरण तेजी से प्रदूषित होते जा रहे है। अतः ब्रह्माकुमारीज में राजयोग मेडिटेशन द्वारा प्रतिदिन शुद्ध, सकारात्मक विचारों के प्रकंपन फैलाकर पर्यावरण को शुद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है, क्योंकि प्रकृति हमारे वाइब्रेशन को बहुत जल्दी ग्रहण कर लेती है। आगे आपने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष से कल्पतरुह नामक अखिल भारतीय स्तर की वृक्षारोपण योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत लाखों पौधों का वृक्षारोपण किया जा चुका है, साथ ही जल जन मिशन के तहत जल संरक्षण का कार्य भी भारत सरकार के साथ मिलकर किया जा रहा है। आपने संस्थान के कृषि प्रभाग द्वारा जैविक खेती के साथ-साथ यौगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे योग के प्रयोग के बारे मे भी विस्तार से बताया।

इस अवसर पर जिला जैविक खेती महिला संयोजिका एवं मां रेणुका फूड्स की डायरेक्टर, वैशाली मालवीय ने कहा कि धरती को मां कहा जाता है और धरती मां की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। आज हम जो फल, सब्जियां, अनाज खा रहे हैं, वे रासायनिक खाद व कीटनाशकों के अधिक प्रयोग के कारण जहरीले हो गए हैं जिसके कारण असमय ही कई गंभीर बीमारियां हो जाती है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। अतः हम सब मिलकर प्राकृतिक रूप से जैविक खेती की ओर बढ़े तो इन सब बीमारियों से बच सकते हैं तथा धरती मां को भी सुरक्षित रख सकते हैं। इस अवसर पर श्रीमति सुभद्रा खापर्डे ने जैविक खेती के बारे मे फल, सब्जी, बीज, मोटे अनाज, आदि के उत्पादन के फायदो की विस्तृत जानकारी दी तथा अनुभव साझा किया। नगर निगम के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा ने भी अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता का गीत सुनाया तथा संगम नगर सेवाकेंद्र के बच्चों ने नृत्य नाटिका के द्वारा पर्यावरण की क्षति को बचाने का संदेश दिया। अंत में ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन का क्रियात्मक अभ्यास करवाया तथा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सभी को शपथ दिलवाई एवं प्रतीक स्वरूप पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी ने किया।

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