विश्व रक्षक ईश्वर के प्रेम और मर्यादाओं में बंधना ही – सच्चा रक्षाबंधन है
नकारात्मक बुराइयों से स्वंय की रक्षा करें तभी परिवार समाज और देश की रक्षा कर सकते हैं – बी के नंदा दीदी।
इस रक्षाबंधन पर स्वयं को बुराईयों से मुक्त कर सकारात्मकता से भरपूर करने का करें एक नया संकल्प।
हरपालपुर, मध्य प्रदेश। ब्रह्माकुमारीज हरपालपुर द्वारा रविवार को रक्षाबंधन उमंग उत्साह के साथ अलौकिक तरीके से मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नौगांव से पहुंची आदरणीय ब्रह्माकुमारी नंदा बहन जी , स्थानीय श्री राघव दास महाराज जी एवं नगर के वरिष्ठ गणमान्य नागरिक भाई बहन पहुँचे साथ ही पत्रकार भाई और विद्यालय के नियमित भाई बहन उपस्थित हुए। हरपालपुर ब्रह्माकुमारी सेंटर प्रभारी बी के आशा दीदी ने सभी का अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नौगांव से पहुंची आदरणीय ब्रह्माकुमारी नंदा बहन जी अपने कार्यक्रम में अपना उद्बोधन देते हुए कहा की त्योहारों मै जब संगठन में सत्संग करते, ईश्वरीय परिवार से मिलते हैं तो हमारे अंदर नवचेतना का संचार होता है। इसके साथ ही अंदर की सुषुप्त शक्तियां जागृत हो जाती हैं।
उन्होंने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि यूं तो बंधन किसी को अच्छा नहीं लगता है लेकिन, इस रक्षाबंधन के बंधन में सभी बंधना चाहते हैं। जब हम ईश्वर के प्रेम व मर्यादाओं के बंधन में बंध जाते हैं तो विकारों और तमाम प्रकार की बुराइयों के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। विकारों से मुक्त होने और अनैतिकता से दूर रहने से स्वतः ही हमारी रक्षा होने लगती है। ऐसे में यही अदृश्य सत्ता परमात्मा की शक्ति है जो अपनी शिक्षाओं के द्वारा ही हमारी रक्षा करते हैं। इसलिए सत्संग प्रतिदिन आवश्यक है। आगे कहा कि इस दिन की रस्मों का भी आध्यात्मिक रहस्य है कि तिलक आत्मिक स्मृति दिलाता है और गुणग्राही बनकर सर्व के गुणों को देखने की प्रेरणा देता है। मिठाई मीठे बोल व व्यवहार का प्रतीक है।
ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा हमने अपना अनमोल समय देकर जो आज यहां सुना है उसको जीवन में लाना है तभी हम प्रेरणा स्रोत बनेंगे और जब राखी बांधकर मानसिक विकृतियों बुराइयों एवं कुरीतियों से स्वयं की रक्षा का संकल्प लेना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए।