बेगुसराय,बिहार: ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जिला कृषि कार्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बेगुसराय के संयुक्त तत्वधान में जिले के सभी कृषक भाइयों के लिए योग एवं जैविक खेती का प्रशिक्षण पन्हास के सभागार में आयोजित किया गया।ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के कृषि विभाग के मुख्य प्रशिक्षक भीनमाल की गीता दीदी ने पॉवरपॉइंट के माध्यम से बताया कि थोड़े से धन के लालच में कैसे भारत के किसान भाई रसायनिक खेती और हानिकर कीटनाशकों का प्रयोग करने को मजबूर हो रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज संस्था के कुछ वर्षों से विशेष राजयोगी किसान ने ऐसी जानलेवा खेती को छोड़ कर जैविक खेती के साथ-साथ योगिक खेती को अपनाया जिसका सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।
कार्यक्रम में माउंट आबू से आए ब्रह्माकुमारीज कृषि विभाग के उपाध्यक्ष राजयोगी राजू भाई ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनको आबू में 100 एकड़ से भी अधिक जमीन पर यौगिक खेती के द्वार ऐसे फसल उगाए हैं जो अमतौर पर राजस्थान में उपजाए नहीं जाते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जिला कृषि कार्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बेगुसराय के संयुक्त तत्वधान में जिले के सभी कृषक भाइयों के लिए योग एवं जैविक खेती का प्रशिक्षण पन्हास के सभागार में आयोजित किया गया।ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के कृषि विभाग के मुख्य प्रशिक्षक भीनमाल की गीता दीदी ने पॉवरपॉइंट के माध्यम से बताया कि थोड़े से धन के लालच में कैसे भारत के किसान भाई रसायनिक खेती और हानिकर कीटनाशकों का प्रयोग करने को मजबूर हो रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज संस्था के कुछ वर्षों से विशेष राजयोगी किसान ने ऐसी जानलेवा खेती को छोड़ कर जैविक खेती के साथ-साथ योगिक खेती को अपनाया जिसका सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।कार्यक्रम में माउंट आबू से आए ब्रह्माकुमारीज कृषि विभाग के उपाध्यक्ष राजयोगी राजू भाई ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनको आबू में 100 एकड़ से भी अधिक जमीन पर यौगिक खेती के द्वार ऐसे फसल उगाए हैं जो अमतौर पर राजस्थान में उपजाए नहीं जाते हैं। बिहार के भगवानपुर प्रखण्ड में 10 एकड़ ज़मीन लेकर ब्रह्माकुमारीज़ ऐसा ही प्रयास कर रही है।
पटना से आये बीके संजय ने कार्यक्रम का उदेश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत में आदि काल के दौरान जैविक खेती ही होती है लेकिन अधिक उपज एवं रसायन उर्वरक बनाने वाली कम्पनियो के बातों में आकर किसानों ने कृतिम खेती को अपना लिया है। ये महज 60-70 सालो की बात है. अब पुन: हमें अपनी मौलिक व्यवस्था की ओर लौटना होगा। इसके लिए सभी को योगिक खेती का निःशुल्क प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। बिहार के भगवानपुर प्रखण्ड में 10 एकड़ ज़मीन लेकर ब्रह्माकुमारीज़ ऐसा ही प्रयास कर रही है।
पटना से आये बीके संजय ने कार्यक्रम का उदेश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत में आदि काल के दौरान जैविक खेती ही होती है लेकिन अधिक उपज एवं रसायन उर्वरक बनाने वाली कम्पनियो के बातों में आकर किसानों ने कृतिम खेती को अपना लिया है। ये महज 60-70 सालो की बात है. अब पुन: हमें अपनी मौलिक व्यवस्था की ओर लौटना होगा। इसके लिए सभी को योगिक खेती का निःशुल्क प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है।
पूर्व मेयर संजय कुमार ने कहा कि वे भी पहले किसान ही थे लेकिन इसमें एक बार हुए नुक्सान ने उन्हें किसान छोड़कर बिजनेस करने को मजबूर कर दिया। अन्होने इस बात पर अफ़सोस किया कि अगर किसानों को उनके पैसे का फायदा मिल जाए तो वे शहर की ओर रूख करना बंद कर देंगे। ब्रह्माकुमारीज के द्वार जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा करें।
बेगुसराय सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जैविक खेती करने वाले किसानों को उनके बैंक द्वारा 2% नीचे दर पर ऋण दिया जाएगा। उन्हें जिला प्रशासन से अपील की गई कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाए। उन्हें कहा कि उनके बैंक में किसी भी शाखा में कोई भी ऋण प्राप्त करने के लिए पैसा नहीं देना पड़ता है, ऐसा प्रावधान उन्हें कर रखा है।
इस कार्यक्रम को कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने भी सम्बोधित किया। उन्हें बताया गया है कि योग के प्रभाव से तत्वो को ज्यादा उपजाउ बनाया जा सकता है, इसके काई प्रमाण मिलते हैं। वैज्ञानिक बिना डेटा के बात नहीं करते हैं, इसलिए रिसर्च के द्वार ऐसे अनुभव को संकलित करने की जरूरत है।
प्रभु श्रीराम एफपीओ की ऋचा सिंह ने सभा को बताया कि हम 450 किसानों के साथ फाजिलपुर प्रखंड में जैविक खेती के द्वारा मोटा अनाज का उत्पादन कर रही हैं। सभी किसानों को मोटा अनाज और खाना चाहिए ताकि हम खुद स्वस्थ रह सकें समाज को स्वस्थ कर सकें I
अंत में जिला कृषि पदाधिकारी अजित कुमार ने कार्यक्रम के आयोजन का धन्यवाद किया तथा किसानों से आग्रह किया कि हम जैविक खेती के साथ-साथ राजयोग सीखकर जैविक खेती भी करें।
कार्यक्रम के अंत में सभी किसानों कोअल्पहार की व्यवस्था ब्रह्माकुमारीज़ के द्वार दिया गया जिसके लिए जिला प्रशासन के द्वार आभार प्रकट किया गयाl
कार्यक्रम का सफल मंच संचलन ब्रह्माकुमारीज मध्य बिहार की संचालिका बीके कंचन बहन के द्वारा किया गया जबकी धन्यवाद प्रभाग की बिहार समन्वयक बीके अबिता बहन के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में बीके ऋषि,बी.के रंजीत .बी.के राजीव, बीके भोला अनेक ब्रह्माकुमारी बहनो का सहयोग रहा l