भोपाल: गीता सार विषय पर त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन -बी के उषा दीदी का श्रीमद्भागवद्गीता पर  व्याख्यान

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सफल एवं सुखी जीवन का आधार – गीता सार विषय पर त्रिदिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता राजयोगिनी बी के उषा दीदी का श्रीमद्भागवद्गीता पर  व्याख्यान

ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस द्वारा कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल, ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस द्वारा सफल एवं सुखी जीवन का आधार गीता सार विषय पर त्रिदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें माउंट आबू से पधारी विश्व विख्यात वक्ता राजयोगिनी उषा दीदी का श्रीमद्भागवद्गीता के महत्व पर व्याख्यान हुआ  |]

सफल एवं सुखी जीवन का आधार- गीता सार’ के त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन  हुआ जिसमें राजयोगिनी बी के उषा दीदी ने कहा कि कुछ व्यक्ति संघर्ष में जीवन नष्ट कर रहे हैं। चाहना है कि जीवन के युद्ध में विजयी हो जाऊं पर मार्ग नही मिल रहा। श्रीमदभगवदगीता हमे जीवन के युद्ध का मार्ग दिखाती है। महाभारत के युद्ध का समय सतयुग, त्रेता या  द्वापरयुग नही है, बल्कि युद्ध का समय अभी ही है। दीदी ने आगे बताया कि मोबाइल आज का शकुनी है। हर कॉल के बाद रमी, जुआ देखने के लिए मोबाइल में मैसेज आता है। दीदी ने बताया कि युद्ध जैसी स्थिति में विजयी कैसे होना है वो श्रीमदभगवदगीता सिखाती है। आज कौन युद्ध नही कर रहा है ? सभी किसी न किसी रूप में युद्ध कर रहे हैं इसमे वर्णित ज्ञान सभी धर्मों पर लागू होता है। गणेश अर्थात बुध्दि का देवता। कलयुग में देने की भावना कम हो गई है । श्रीमदभगवदगीता हमे देने की भावना सिखाती है। उषा दीदी ने आगे बताया कि बिन नागे मोती मिले, मांगत मील न भीख । भगवान से मांगना नही है, बल्कि ऐसे श्रेष्ठ कर्म करने है जिससे भगवान के सारे खजाने मुजगे प्राप्त हो जाये। क्योकि हम भगवान के बच्चे हैं, और भगवान के खजाने पर बच्चों का अधिकार होता है। आत्मा के सात गुणों से बैटरी चार्ज होती है। सात गुण आत्मा की बैटरी है जो डिस्चार्ज हो गई है, उसको चार्ज कैसे करें।

काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, छल ये ओर धर्म हैं जिससे बैटरी डिस्चार्ज होती है। आपको प्यार चाहिए तो निःस्वार्थ प्यार देना शुरू करो। आप जो देंगे वही आपको मिलेगा।

लोग भगवान से भक्ति करते हैं उसमें भी शर्तें लगा देते हैं , की भगवान आप मेरे ये कार्य करो तो मैं आपको इतना दूंगा। मतलब यदि वो कार्य नही हुआ तो वो भी विश्वास डगमगा जाता है। दीदी ने बताया कि नम्रता की शक्ति से अहंकार पिघल जाता है।  आजकल लोग सोचते हैं कि क्रोध नही करेगे तो काम नही होंगे। और शांत रहने वाले का कोई कार्य नही होता। परंतु क्रोध एक कमजोरी है और शांति में रहने से आत्मिक शक्ति आती है जिसके आधार पर हर कार्य हो जाते हैं।

कार्यक्रम की आयोजक ब्रह्माकुमारिज ब्लेसिंग हाउस प्रभारी बी के डॉ. रीना दीदी ने कहा कि भोपालवासियों को धार्मिक परिपक्वता की मिसाल कायम करनी चाहिए  | छोटी छोटी सुनी सुनाई बातों में आकार धार्मिक वैमनस्यता न पालें | भोपाल शहर को धार्मिक सौहाद्रता का शहर बनाने मे धर्म एवं मीडिया को मिलकर काम करना होगा | उन्होंने कार्यक्रम को सफलबनाने के लिए भोपालवासियों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के उद्घाटन में मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव माननीय अवधेश प्रताप सिंह जी एवं आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो. डॉ. संजय द्विवेदी जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए | इस अवसर पर अतिथियों द्वारा दीदी जी का सम्मान किया गया | इस अवसर पर कुमारी श्री, कुमारी आराधना, कुमारी पीहू नें सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में भोपाल के हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम का कुशल संचालन बी के राहुल भाई ने किया।

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