करनाल,हरियाणा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात सेवा केंद्र में दीपावली पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। आध्यात्मिक कार्यक्रम में पानीपत सर्कल इंचार्ज राजयोगिनी सरला दीदी व साइंटिस्ट इंजीनियर विंग के नेशनल कोर्डिनेटर राजयोगी भारत भूषण भाई ने शिरकत की।
भारत भूषण भाई ने सबको दीपावली की बधाई देते हुए कहा कि भारत त्यौहारों का देश है। भारत की दीपावली देखने विदेशों से भी लोग यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण में जो चरित्र दिखाए हैं उन्हें हम धारण करें तो हमारा जीवन कितना श्रेष्ठ बन जाए। कितना सुंदर माता सीता जी का चरित्र दिखाया गया है। उन्होंने कहा, सोच को बदलो सितारे बदल जाएंगे, नजर को बदलो नजारे बदल जाएंगे।
राजयोगिनी सरला दीदी जी ने कहा कि हमें पवित्रता, मधुरता, धैर्यता, सहनशीलता आदि गुणों को धारण कर गुणवान बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि धन दौलत, परिवार सब यहीं रह जाएगा हमारे साथ जाएंगे हमारे कर्म और हमारा व्यवहार। हमें सबके साथ प्रेम से रहना चाहिए।
आर्ट एंड कल्चर विंग की नेशनल कोर्डिनेटर व सेक्टर सात सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी ने कहा कि दीपावली के पावन पर्व के पूर्व घरों की सफाई के साथ-साथ हमें अपने मन बुद्धि की सफाई करना बहुत जरूरी है, नहीं तो व्यर्थ संकल्पों के जाले व डस्ट मन में टेंशन पैदा करेंगे। इस दिन दीपक जगाना आत्म स्मृति व जागृति का प्रतीक है। नया बही खाता रखना अपने पिछले कर्मों के एकाउंट को खत्म करके नया श्रेष्ठ कार्यों का खाता बनाने का प्रतीक है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक जगमोहन आनंद जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज बहुत पवित्र संस्था है। यहां आकर कानों में ज्ञान के उच्च विचार पड़ते हैं। मुझे लगता है कि मुझे इससे बहुत पहले यहां आ जाना चाहिए था ताकि मैं और अधिक ज्ञान बटोर पाता। उन्होंने सबको दीपावली पर्व की बधाई दी।
मेयर रेणु बाला गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी इस संस्था से जुडक़र राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास करके उन्होंने अपने जीवन की वेल्यूज से सुसज्जित किया है। उन्होंने सभी को दीपावली की बधाई दी।
ब्रह्माकुमारी सुमन मैनेजर ज्ञान मान सरोवर पानीपत ने सबको राजयोग मेडीटेशन कराकर असीम शांति का सबको अनुभव करवाया। आत्म जागृति का प्रतीक दीप प्रज्जवलन किया गया।
इस अवसर पर बी.के. संगीता, बी.के. रेणू, शिविका, आरती, ज्योति, सारिका, ओमनाथ मलिक, जयगोपाल अरोड़ा, अशोक महेंद्रू, नेहा अरोड़ा, विनोद कालरा, जगदीश राय नागपाल, आरसी अरोड़ा, कृष्ण गंभीर, हर्षवर्धन भटनागर, बंसीलाल पांचाल, एसआर दीक्षित, एससी वोहरा, जोगिंद्र मदान, डीएस भारती, सुरेश शर्मा, जिले सिंह शर्मा ने आत्म स्मृति का प्रतीक दीपक जलाया। नन्हें कलाकरों ने नृत्य से सबका मन मोह लिया।