राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के प्रशासक प्रभाग द्वारा मार्च तक चलेगा अभियान
6 जिलों से यात्राएं निकालकर कर आयोजित किए जाएंगे प्रशंसकों और कार्यपालकों के लिए कार्यक्रम
बैतूल, मध्य प्रदेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय,राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के प्रशासक प्रभाग द्वारा मध्य प्रदेश में राज्य स्तरीय प्रशासक प्रभाग सेवा अभियान का आयोजन किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 6 जिलों से यात्राओं की शुरुआत की जाएगी। इसी श्रृंखला में आज दिनांक 17 नवंबर 2024, रविवार को ब्रह्माकुमारीज़ के स्थानीय सेवाकेंद्र भाग्यविधाता भवन से इस अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर कार्यक्रम में हेमंत खंडेलवाल,विधायक (बैतूल), राजकुमार उइके नायब तहसीलदार(बैतूल), अरुण किलेदार प्रसिद्ध व्यवसायी (बैतूल), बी के डॉ रीना दीदी (अभियान संयोजिका, भोपाल), बी के रविन्द्र (भोपाल), बी के मंजू दीदी (बैतूल), बी के सुनीता दीदी (सारणी), बी के राम, बी के पिंकी बहन, बी के राहुल एवं बी के नंदकिशोर मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अभियान की संयोजिका बी के डॉ रीना बहन जी ने कहा कि वर्तमान समय प्रशासन, प्रबंधन, कार्यपालन के कार्य में सभी को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को अपने व्यक्तिगत जीवन और व्यावसायिक जीवन में सामंजस्य बनाना मुश्किल अनुभव होता है। इसके लिए हमे मन का प्रबंधन करने की आवश्यकता है और इसके लिए हमे आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग को जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।
अभियान में साथ चल रहे बी के रावेन्द्र ने प्रशासक वर्ग की सेवाओं से अवगत करते हुए अभियान के उद्देश्य और महत्व को स्पष्ट किया। ब्रह्माकुमारीज बैतूल की संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कार्यक्रम के अतिथियों और अभियान के सदस्यों का शब्दों से स्वागत किया। वहीं ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी का तिलक और बेज लगाकर स्वागत किया।
कार्यक्रम के अंत में विधायक हेमंत खंडेलवाल सहित सभी अतिथियों ने ब्रह्माकुमारीज़ की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए अभियान के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की। ब्रह्माकुमारीज सारणी की संचालिका ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी ने सभी को धन्यवाद देते हुए राजयोग मेडिटेशन के प्रशिक्षण निःशुल्क रूप से प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया।
कार्यक्रम के मध्य में अभियान की संयोजिका ब्रह्माकुमारी रीना दीदी ने सभी को मेडिटेशन कमेंट्री के द्वारा योग अनुभूति कराई जिसमें सभी ने गहन आत्मिक शांति की अनुभूति की और अपने विचारों को कैसे सकारात्मक दिशा देना है इसका अभ्यास किया। कार्यक्रम के अंत में सभी को ईश्वरीय प्रसाद वितरित किया गया। योग अनुभूति के पश्चात सभी को मिला ईश्वरीय प्रसाद।