एक दिवसीय तृतीय राज्य स्तरीय शिव बाल, किशोर और युवा मराठी साहित्य सम्मेलन का सफल आयोजन
पुणे-आळंदी,महाराष्ट्र: मोरया मंगल कार्यालय में संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज के 750वें सप्तशतकोत्तर स्वर्ण महोत्सवी जन्म उत्सव और एक दिवसीय तृतीय राज्य स्तरीय शिव बाल, किशोर और युवा मराठी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया
कार्यक्रम का उद्घाटन सुप्रसिद्ध प्रस्तुतकर्ता व साक्षात्कारकर्ता माननीय श्री सुधीर गाडगीळ के करकमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर शांतिब्रह्म ह. भ. प. मारुती महाराज कुरेकर और डॉ. नारायण महाराज जाधव ने आशीर्वचन दिए। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री प्रा. सुमतीताई पवार ने की।
सम्मेलन की शुरुआत मंदिर परिसर में 70 फीट लंबी और 90 किलो वजन की दुनिया की सबसे भारी राखी बांधकर की गई.
ब्रह्माकुमारीज सेंटर, पिंपरी की बहनों ने सभी अतिथियों को राखी बांधकर रक्षासूत्र का महत्व समझाया।
इस दौरान ब्रह्माकुमारी सुरेखा बहन ने ‘राखी के आध्यात्मिक महत्व’ पर प्रेरणादायक विचार साझा किए।
साहित्य सम्मेलन में “ओळख श्री ज्ञानेश्वरीची” और “ताटी उघडा ज्ञानेश्वरा” विषयों पर दो परिचर्चाओं का आयोजन हुआ। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के विद्वानों ने इन सत्रों में हिस्सा लिया और संत साहित्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर संत ज्ञानेश्वर बी.एड. कॉलेज, आळंदी के छात्रों को ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित ‘प्रभु रतन प्रतियोगिता’ के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। मूल्य आधारित खेलों में भाग लेने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता मा. श्री सतीश सोळंपुरकर ने की। विभिन्न जिलों के कवियों और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि मा. आमदार श्री बाबाजी काळे साहेब थे। उन्होंने इस सम्मेलन को युवाओं और बच्चों के लिए प्रेरणादायक बताते हुए इसकी सराहना की। समापन सत्र की अध्यक्षता मा. श्री राकेश भास्करराव उज्जैनकर ने की।
कार्यक्रम का सफल संचालन विभिन्न समिति सदस्यों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से हुआ। सम्मेलन में बड़ी संख्या में वारकरी, साहित्य प्रेमी, और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। इस एक दिवसीय साहित्य सम्मेलन ने आध्यात्मिकता और साहित्य का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया








