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छतरपुर: ब्रह्माकुमारी सुखधाम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संस्कारी महिला –  श्रेष्ठ परिवार एवं समाज का आधार स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन

अलग-अलग क्षेत्र में अपना योगदान दे रहीं 200 मूल्यवान महिलाओं का सम्मान किया गया – ब्रह्माकुमारीज़

छतरपुर,मध्य प्रदेश। ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ कॉलोनी स्थित सुख धाम भवन में राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाउंडेशन की भगिनी संस्था महिला प्रभाग द्वारा 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय था संस्कारी महिला – श्रेष्ठ परिवार एवं समाज का आधार थीम को लेकर विशेष आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में हर वर्ग की महिलाओं ने भाग लिया दीप प्रज्वलन द्वारा सम्मेलन का शुभ उद्घाटन किया गया।

ब्रह्माकुमारीज विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा दीदी जी ने अपनी उद्बोधन में कहा कि पुरुष परिवार और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिये भी शक्ति माँ जगदम्बा से, धन माँ लक्ष्मी से, ज्ञान माँ सरस्वती से ही मांगते है। परमात्मा ने अपने कार्य के लिये नारी शक्ति को आधार बनाया। उपेक्षित नारियों को इतना सशक्त बनाया कि सदियों तक मंदिरों मे पूजा होती रही। नारी घरबार सम्भालते है तब पुरुष भी निश्चिंत होकर अपना दायित्व निभा पाते है। सच्चाई तो यही है की कन्याएं जीवन देने वाली जीवन दायिनी हैं। नारियों को अपना स्वमान जगाना है। अपनी क्षमताओं गुणों को जानिए और महसूस करिए। मैं परमात्मा की संतान शिव शक्ति हूं। मैं ही पूज्य दुर्गा काली जगदंबा सरस्वती हूं। नारियां सदैव पुरुषों की तुलना में श्रेष्ठ है क्योंकि नारियां सृजन कर सकती हैं बच्चों को जन्म दे सकती है नारियों के अंदर स्वाभाविक रूप से प्रेम दया करुणा त्याग आदि मूल्य भरे पड़े हैं। इन मूल्यों का उदय अपने अंदर करके, स्वयं को सशक्त बनाकर विश्व परिवर्तन की बड़ी भूमिका निभाना है। 

इस अवसर पर परोक्ष अपरोक्ष रूप से परिवार और समाज बल देने वाली 200 मूल्यवान महिलाओं का सम्मान किया गया। इनमें ऐसी महिलाओं का चुनाव किया गया जो घर परिवार समाज में रहते हुए वे स्वयं ही गुप्त रहकर निष्ठा भाव से अपने कर्म करती रहती हैं एवं इनमें कई विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग देने वाली समाज सेविका जैसी महिलाएं भी शामिल रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत कु. माही एवं कु. अंशिका द्वारा स्वागत है दिल से आपका तशरीफ़ आप लाये पर नृत्य से हुआ। कु. अंजलि ने कोमल है कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है पर नृत्य की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर बीके रीना बहन ने कहा कि महिलाएं ही परिवार की समाज की राष्ट्र की और फिर विश्व की धुरी होती हैं। सुखी राष्ट्र और सुखी समाज की पहली शर्त है वहां की महिलाओं का सशक्तिकरण।

आज संसार की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे-आगे हैं मगर उन्होंने अपनी मौलिकता खो दी है। आत्मज्ञान और परमात्मा ज्ञान के अभाव से वह भौतिकवाद की भेंट चढ़ गई है। खुद की पहचान करके और परमपिता परमात्मा से योग लगाकर महिलाएं खुद को सशक्त बनाएं और समाज को श्रेष्ठ बनाएं। महिलाओं के अंदर असीम शक्तियां हैं। 

ब्रह्माकुमारी कल्पना बहन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि ईश्वर और नारियों क्रिएटर हैं। पुरुषों से मुकाबला करने का विचार हीन विचार है। नारियां सदैव से पूज्य रही है। नारियों को अपना आंतरिक बाल पहचान कर सृष्टि के निर्माण के कार्य में लग जाना है।

इस अवसर पर विशेष रूप से बाल संप्रेषण गृह अधीक्षका सरोज छारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता तिवारी, सिंचाई विभाग एसडीओ अंकिता गोयल, एसडीओ नेहा गुप्ता, हम फाउंडेशन प्रांतीय उपाध्यक्ष कोमल टिकरिया, डॉ नीलिमा तिवारी, नेहा शर्मा, मंजू राय, रश्मि तिवारी, भावना चानना, वर्षा चनना, पार्षद अलका दुबे सहित कई महिला उपस्थित रही एवं कार्यक्रम में सभी ने महिला सशक्तिकरण हेतु अपने विचार रखें साथ ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी रमा दीदी ने योगाभ्यास कराया और परम शांति की अनुभूति कराई एवं पधारी हुई सभी महिलाओं का धन्यवाद किया।

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