:: ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका को स्नेहांजलि अर्पित की गई ::
इंदौर, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी डाॅ दादी जानकी जी के पांचवीं पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर ओम शांति भवन न्यू पलासिया में स्नेहांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर दादी जी के सम्मुख कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों ने अपने संस्मरण सुनाए।परविंदर सिंह भाटिया ,लायंस इंटरनेशनल के पूर्व गवर्नर ने कहा कि राजयोगिनी दादी जानकी दी उनके अच्छे कार्यों के लिए हमेशा पहचानी जाती रहेगी। उनके सफेद पहनावे में एक दिव्य फरिश्ता की झलक दिखाई देती । दादी जानकी के लिए श्रद्धा सुमन यह है कि एक पवित्र आत्मा थी जो हमारे साथ है उनके अमूल्य विचार मानवता के लिए हमेशा अमर रहेंगे। इंदोर जोन की इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आरती दीदी ने कहा कि दादी जानकी जी शक्ति स्वरूपा बाल ब्रह्मचारीणी प्रभू की याद में लवलीन रहने वाली दिव्य आत्मा थी दादी जी शुद्ध और पवित्र आत्मा थी जो भी संकल्प करती थी भगवान उसे पूरा करता था वह सबको यही कहती थी की प्रेम ही सार्थक जीवन की नींव है। दादी जानकी जी का जीवन एक खुली किताब थी जिसके हर एक पन्ने में बहुत कुछ देखने और सीखने के लिए मिलता था। न्यायाधीश बी डी राठी जी ने कहा की दादी जी बचपन से ही प्रभु की लगन में लग गई थी , समाज की सेवा में समर्पित होकर स्वयं को प्रभु को अर्पण कर दिया । अपनी विशाल बुद्धि से प्रॉब्लम को खत्म कर देती थी जैसे रुई का पहाड़ उड़ा देते हैं लव ओर लाॅ के बैलेंस में रहती थी।
अतुल गार्गव, पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, रोटरी इंटरनेशनल ने कहा कि ब्रह्मा कुमारीज ऐसी संस्था है जिसका संचालन ब्रह्माकुमारी बहनों के द्वारा किया जाता है और राजयोगिनी दादी जानकी जी जिन्होंने 104 वर्ष की उम्र रहते हुए भी इस संगठन का सुचारू रूप से संचालन किया। उनके पास जब हम जाते थे तो एक आध्यात्मिक शक्ति की ऊर्जा मिलती थी और पॉजिटिव वाइब्रेशंस के रूप में सकारात्मक चिंतन मिलता था हमारा व्यवहार परिवर्तित हो जाता था , भगवान ने भी उन्हें 104 साल की उम्र इसलिए दी ताकि वे दैवीगुण का प्रचार प्रसार इस दैहिक जगत में कर सके ,आज भी वे हमारे आसपास ही विराजमान है और उनकी शिक्षाएं हमारे लिए अमूल्य सौगात है।
स्वामी प्रणवानंद महाराज जी, ने कहा कि आध्यात्मिकता से ही मानव का विकास होता है और दादी जानकी जी आध्यात्मिकता की संदेश वाहक थी। बी के नारायण भाई ने कहा कि दादी जानकी जी एक दिव्य आत्मा थी जो त्याग तपस्या वैराग्य की प्रतिमूर्ति थी जिला न्यायाधीश श्री विनोद शर्मा, ,सुरेश गुप्ता जी , ब्रह्माकुमारी रेवती बहन, वीका बहन, आयुषी बहन,आशा बहन , दुर्गा बहन , प्रेम लता बहन ओर आये हुए सभी साधकों ने भी अपनी श्रद्धांजलि पुष्प अर्पित कर की ।




