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रायपुर: योग आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया

– छ. ग. योग आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया…
 
– समारोह में अनेक साधु सन्तों के साथ बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारीजके सदस्यों ने हिस्सा लिया…
 – ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने सभा में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया…
 – आत्मा का परमात्मा के साथ मिलन ही सच्चा योग है… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के अनेक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक संगठनों के साथ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साधकों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। आयोजकों ने एकमात्र हमारी संस्थान से सविता दीदी को ही राजयोग मेडिटेशन पर बोलने व योग अभ्यास कराने का अवसर दिया। बाकि किसी भी अन्य संस्थान को बोलने का अवसर नहीं दिया गया। समारोह में माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस जी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, युवा खेलकूद और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा सहित अनेक विधायक, सन्त महात्मा व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इस अवसर पर जीवन में राजयोग मेडिटेशन की आवश्यकता विषय पर बोलते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि योग शब्द का अर्थ होता है जोडऩा। अध्यात्म के सन्दर्भ में आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोडऩा ही सच्चा योग है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आसन या प्राणायाम जरूरी हो सकते हैं लेकिन काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि विकारों पर जीत पाने और मन को तनाव मुक्त रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास की आवश्यकता है।

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आगे कहा कि जैसे बैटरी को चार्ज करने के लिए पावर हाउस से सम्बन्ध जोडऩे की आवश्यकता होती है। ठीक वैसे ही आत्मा में शक्ति भरने के लिए उसका सम्बन्ध परमात्मा के साथ जोडऩे की जरूरत होती है। उन्होंने नकारात्मक और व्यर्थ विचारों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इससे आत्मा की शक्तिनष्ट होती है। राजयोग हमें सकारात्मक सोच बनाने में मदद करता है। मन की शान्ति के लिए मेडिटेशन के अलावा अन्य कोई दूसरा उपाय नहीं है।

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