इंदौर ,न्यू पलासिया, मध्य प्रदेश। वर्तमान समय भागदौड़ की जिंदगी में मानव अपनी आंतरिक शक्तियों को भूलता जा रहा है जिसके कारण अनेक मानसिक रोग पैदा होते जा रहे हैं आज के मानव को स्वयं की पहचान नहीं होने के कारण अनेक मानसिक, शारीरिक विकृतियों जन्म लेती जा रही है ।आज पूरा विश्व में चिंता, भय ,तनाव ,आत्महत्या अनिद्रा के रोग बढ़ते जा रहे हैं ।इसके कारण अनेक दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। ज्यादा सोचने की आदत से मन दिन प्रतिदिन कमजोर नकारात्मक बनता जा रहा है। हमारे शरीर की दिनचर्या भी असंतुलित होती जा रही है। गलत खानपान, गलत टाइम पर सोना, नकारात्मक सोच इन सभी का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता जा रहा है ।हमारे विवेक शक्ति कमजोर होती जा रही है। जिससे हम अच्छे सकारात्मक सोचने की क्षमता खत्म होती जा रही है, अनेक रोग बढ़ते जा रहे हैं। इन सभी का समाधान आध्यात्मिकता व मेडिटेशन में है।यह विचार ब्रह्मा कुमार नारायण भाई जीवन जीने की कला के विशेषज्ञ एयरपोर्ट पर स्थित सीआईएसएफ कार्यालय में जवानों के लिए नशा व तनाव मुक्त कार्यशाला में संबोधित करते हुए बताया। इस अवसर परडॉ महेंद्र सिंह होरा ने बताया कि मेडिटेशन में मन हमारा सत्य परमात्मा से जुट जाता है तो परमात्मा से हमें शांति खुशी प्रेम आनंद की वाइब्रेशंस आत्मा को प्राप्त होते हैं वह तरंगे मन को शक्तिशाली बनाती है और मन शरीर के अंगों को शक्तिशाली बनाता है। राजयोग से ही हर बीमारियों का समस्याओं का समाधान मिलता है राजयोग अपनी स्वयं की चेतन को परमात्मा पिता से जोड़ना इसे ही हम शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं । मेडिटेशन से जो अंदर के आनंद की प्राप्ति होती है वह आनंद हमें बाहरी नशे से दूर कर देता है। ब्रह्माकुमारी प्रमिला बहन ने नशा मुक्त भारत अभियान के बारे में बताया कि कोई भी नशा हमारी शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाता है। तनाव को कम करने के लिए हम नशे का सेवन करते हैं लेकिन राजयोग हमें ऐसे आनंद की प्राप्ति कराता है जो स्वयं बाहरी नशे से छूट जाते हैं। अंत में सभी से प्रतिज्ञा कराई गई कि हम नशे से दूर रहेंगे और औरों को भी प्रेरणा देंगे। कार्यक्रम के अंत में मनीष जी इंस्पेक्टर ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि अपने दैनिक जीवन में राजयोग मेडिटेशन का महत्वपूर्ण रोल होता है। जिससे हम शारीरिक मानसिक रीति से संपूर्ण रीति स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमारा मनोबल बढ़ने से बड़े से बड़े कार्य भी सरल सहज होने लगते हैं।








