केलोद -करताल,मध्य प्रदेश। नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल महू शाखा में विद्यार्थियों के मध्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सेनफ्रांसीसीको से आए आईटी विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार हर्षवर्धन ने बताया की कोई भी नशा हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है ।आज तंबाकू ,बीड़ी, सिगरेट ,मादक पदार्थों के सेवन से ज्यादा डिजिटल एडिक्शन की लत बढ़ती जा रही है। अगर हम एक घंटा स्क्रीन पर रहते हैं तो उसे हमारा स्वास्थ्य उसके वनस्पत ज्यादा खराब होता है और यह दिन प्रतिदिन बढ़ने से हमारा मस्तिष्क कमजोर, याददाश्त शक्ति एकाग्रता की शक्ति खत्म होती जा रही है। जितना आवश्यक है उतना ही हम स्क्रीन पर रहे नहीं तो हमारे जीवन के ऊपर इसका बहुत गलत प्रभाव पड़ता है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पधारे इंस्पेक्टर राम खिलाड़ी मीणा ने बताया की नशे की लत से बाहर आने के लिए सबसे पहले सही मार्गदर्शन आवश्यक है जिसमें परिवार शिक्षक और समाज की अहम भूमिका होती है। उन्होंने गांधी जी के गुड़ का उदाहरण देते हुए बताया इसी तरह से नशे की लत अगर जिंदगी में पड़ जाती है तो हमारे अंदर एक गलत आदत का शिकार हो जाते है। जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने बताया कि नशे से हमारा आंतरिक मनोबल बहुत कमजोर हो जाता है। जीवन में आने वाली परिस्थितियों का हम सामना नहीं कर पाते हैं इससे हमारा तनाव बढ़ जाता है अंदर हीन भावना जागृत होने लगती है। ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया कि आज का विद्यार्थी पढ़ाई पर अटेंशन कम देने के कारण उसका बाहरी नशे की तरफ टीवी, इलेक्ट्रॉनिक साधन, तंबाकू, गांजा ,चरस इस पर ज्यादा ध्यान जाने से व्यक्ति की मानसिक शक्तियों खत्म होती जा रही है। एक दुष्प्रभाव के चक्र में छात्र फंसता जा रहा है। ऐसे में राजयोग मेडिटेशन एक शक्तिशाली वैज्ञानिक पद्धति है इसके द्वारा हम सभी नशे से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी हेमा बहन ने सभी को मेडिटेशन कराया और सभी को नशे से दूर रहने के लिए प्रतिज्ञा कराई।






