रक्षाबंधन का पावन पर्व रक्षा सूत्र बांधकर ज्ञानअमृत, मीडिया देते हुए बीके रेखा बहन

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बैकुंठपुर,छत्तीसगढ़: रक्षाबंधन सभी पर्वों में एक अनोखा पर्व ही नहीं, लेकिन भारत की संस्कृति तथा माननीय मूल्यों को उजागर करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करने वाला और भाई बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म उपहार है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बैकुंठपुर में रक्षाबंधन का पावन पर्व बड़े ही उमंग- उत्साह के साथ मनाया गया ।

बीके रेखा बहन ने बताया किसावन की रिमझिम फुहारों के बीच दिल में रूहानी प्रेम का सैलाब ले रक्षाबंधन का यह त्यौहार हमें पवित्रता के दृढ़ व्रत एवं मर्यादाओं के मीठे बंधन की याद दिलाता है जिसमें हमारी सुरक्षा भी है तो प्रगति भी है ऐसा अनोखा और न्यारा बंधन शिवाय परमात्मा के और कोई बांध नहीं सकता हम सौभाग्यशाली आत्माएं है जो इस पवित्र बंधन में बंध कर सुरक्षित है ।

बीके रेखा बहन ने रक्षाबंधन के रहस्य को बताया कि इस पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने से पूर्व बहन भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती है जो शुद्ध ,शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है तिलक दाएं हाथ से किया जाता है तथा राखी भी दाएं हाथ में बांधी जाती है यह विधि हमें प्रेरणा देती है हम सदा राइट अर्थात सकारात्मक चिंतन करते हुए राइट अर्थात  श्रेष्ठ कर्म करें जिससे आत्मा अनिष्ट  परिणामों से ,दुखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी ।मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को संबंधों को मीठा बनाने का राज भरा है।

इसके बाद सेंटर में 200 से भी अधिक समस्त  भाई बहनों को रक्षा सूत्र बांधा गया।

साथ ही बैकुंठपुर के गणमान्य नागरिकों को व अधिकारियों को भी रक्षा सूत्र बांधा गया ।

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