खजुराहो ,मध्य प्रदेश: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय खजुराहो में मनमोहक चैतन्य झांकियों का दर्शन करने को मिला जिसमें सर्वप्रथम बासुदेव जी टोकरी में रखकर मथुरा से गोकुल की ओर श्री कृष्ण जी को ले जाते हैं । दृश्य देखकर सैकड़ों भक्तों के आंखों से अश्रु धारा बह निकली। बाल रूप में पालने में झूलते हुए श्री कृष्ण एवं झूला झुलाती हुई यशोदा मैया।
दूसरी झांकी में थोड़ा सा बड़े श्री कृष्ण श्री राधे जिनको गोपाल कहते हैं सावन के बाद हरे भरे भारत भूमि में झूले पर झूलते हुए चैन की बंसी बजा रहे हैं। तीसरी झांकी में श्री लक्ष्मी श्री नारायण का सुंदर दरबार का अवलोकन गांव गांव से आए भारी जनसंख्या में सभी गणमान्य नागरिकों ने बड़ी तन्मयता से किया। साथ ही नन्हे-मुन्ने बाल गोपाल राधिका स्वरूप कन्याओं ने बहुत ही आकर्षक मनमोहक नृत्य के द्वारा समा बांध दिया।आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए ब्रम्हाकुमारी बहनों ने कहा आज हम सभी श्री कृष्ण श्री राधे ,श्री लक्ष्मी श्री नारायण के तीनों स्वरूपों में दर्शन कर रहे हैं इन की झांकी का अवलोकन करना सिर्फ इतना ही काफी नहीं है हमें अपने अंदर भी झांकना है कि हमारे अंदर भी वह परिवर्तन आया है जिससे हम श्री कृष्ण जी के राज्य में जाने के योग्य बन सके झांकी अर्थात स्वयं में झांकना एवं स्वयं का परिवर्तन करना।
साथ ही साथ श्री राधे श्री कृष्ण के साथ आए हुए गोप गोपियों ने डांडिया रास करने के पश्चात ‘मटकी फोड़ी’ एवं सभी को मिलकर के माखन खिलाया ।
अंत में चैतन्य दिव्य दरबार की आरती करने के साथ-साथ सभी को प्रसाद वितरण किया गया।