मोहाली में ब्रह्माकुमारियों ने बहुत उमंग-उत्साह से मनाई जन्माष्टमी

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सुख शांति भवन में  सजी अनेक चेतन झांकियां

मोहाली, पंजाब: स्वर्णिम सतयुगी दुनिया के प्रथम महाराजकुमार श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव आज यहां प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मोहाली शाखा में बहुत श्रद्वा, स्नेह व हर्षोल्लास से मनाया गया । इस अवसर पर स्थानीय राजयोग केंद्र सुखशांति भवन, फेज़ 7 को झंडों, बैनरों, रंग बिरंगी लड़ियों व श्रीकृष्ण झूले में, श्रीकृष्ण -श्री राध्े तथा श्री लक्ष्मी श्री नारायष जी की दिव्य चेतन झांकियों से सजाया गया था । यहां  विशाल हाल में एक भव्य समारोह  का आयोजन भी किया गया जिसमें मोहाली, कुराली, रोपड़, खरड़, नूरपुर बेदी व मोरिंडा आदि स्थानों के ब्रह्माकुमार व ब्रह्माकुमारियों ने भाग लिया । समारोह में दिव्य प्रवचन, गीत, रासलीला, नृत्य नाटिका के रूप में श्री श्रीकृष्ण जी की अनेक बाल लीलायें आदि  भी प्रस्तुत की गई ।

 समारोह की अध्यक्षता करते हुए मोहाली-रोपड़ क्षेत्रा के राजयोग केंद्रो की संचालिेका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता बहन  जी ने  की और सभी लोगों को जन्माष्टमी की बधई  दी तथा कहा कि श्रीकृष्ण जी का जीवन  सारी मानवता के लिए एक आदर्श व अनुकरषीय था । श्रीकृष्ण जी सर्वगुष सम्पन्न, 16 कला सम्पूर्ष, सम्पूर्ष निर्विकारी, अहिंसा परमो ध्र्म वाली विशेष देवात्मा थी । हमें  अपने जीवन  में उन जैसे मूल्यों व दैवी गुणों को अपनाना चाहिए । उन्होने  आगे कहा कि अब परमात्मा शिव राजयोग व ज्ञान के आधर से मानव को देव पद की प्राप्ति करवाने का कार्य इस ध्र्मग्लानी के समय ब्रह्मा तन से भारत में अवतरित होकर कर रहे हैं । वर्तमान कलियुगी दुनिया के परिवर्तन के बाद श्री कृष्ण जी इस ध्रती पर पुनः अवतरित होने वाले हैं । उनकी दुनिया में जाने के लिए हमें बुराईयों व विकारों का त्याग करना जरूरी है ।

 रोपड़ राजयोग केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी रमा बहन जी ने इस पर्व के महत्व, श्रीकृष्ण जी के चरित्रा व शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेकर अपने को श्रेष्ठ व तनावमुक्त बनाना चाहिए । उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीकृष्ण जी को श्याम-सुंदर कहते हैं क्योंकि वे विकारों पर विजयी बन सतयुग  में सुंदर तथा कलियुग अंत में वही विकारों के वश हो श्याम बन जाते हैं जिन्हें परमात्मा शिव पुनः सुंदर बनाते हैं

             बड़ी संख्या में जनता ने दिव्य चेतन झांकियों, स्प्रीचियुल आर्ट गैलरी, राजयोग मैडीटेशन कक्ष, बाबा की कुटिया आदि  का भी अवलोकन किया तथा राजयोग  सीखने मे भी रूची दिखाई ।

 मंगलवार 20 अगस्त से एक सप्ताह के लिए यहां सुखशांति भवन फेज़ 7 में तनावमुक्त व मूल्यनिष्ठ जीवन बनाने हेतू निःशुल्क राजयोग शिविरों का क्रम प्रातः 7 से 8 बजे, 11 से 12 बजे व सांय 6 से 7 बजे आयोजित होगा ।

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