ग्वालियर-लश्कर,मध्य प्रदेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के राजनीतिक प्रभाग द्वारा स्वर्णिम भारत पुनर्स्थापना में राजनेताओं का योगदान विषय पर कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से के रूप में बहन यामिनी परांडे (पार्षद वार्ड 44), बहन चेतना तोमर (महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष), भ्राता नवीन परांडे (जिला मंत्री, भाꓸजꓸपा), भ्राता मनोज शर्मा (भाꓸजꓸपा), जयंती पाल (उपाध्यक्ष महिला मोर्चा मंडल, भाꓸजाꓸपा), ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (संस्थान प्रमुख लश्कर ग्वालियर), ब्रह्माकुमारी रेखा बहन (जोनल कोऑर्डिनेटर राजनीतिक प्रभाग), ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे ।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी रेखा बहन ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान के 20 प्रभाग है जिसमें से एक प्रभाग राजनीतिक प्रभाग है। राजनीतिक प्रभाग के अंतर्गत कार्यक्रम करने का उद्देश्य है की राजनीती के साथ अगर राजयोग जोड़ दिया जाए तो हमारे जो राजनेता हैं वो बहुत ही सुन्दर रीती से अपना कार्य कर सकते हैं। क्योंकि आज कल कार्य क्षेत्र में रहकर सकारात्मकता से कार्य करना आज के समय में सभी के लिए बहुत ही मुश्किल हो गया है। वर्तमान समय में आज वरिष्ठ राजनेता हो या युवा राजनेता हो सभी अपने काम को लेकर चिंतित रहते हैं तो इसलिए आज अपने जीवन में राजयोग को जोड़ना अतिआवश्यक है तो बड़े से बड़ा कार्य भी आसानी से हो जायेगा। तो इसकी शुरुवात ब्रह्माकुमारी संस्थान के द्वारा हुई है जिसमे अनेकानेक राजनेता राजयोग मैडिटेशन सीखकर अपने अन्दर आन्तरिक शक्तियो को और दिव्य गुणों को धारण करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में रहकर अपना कार्य को सुन्दर ढंग से कर सकते है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदीजी ने भी सभी को गणेश उत्सब की शुभकामनाएं दीं और बताया कि आज व्यस्त जीवन में हम सब ईश्वर को और उनकी शक्तियों को भूल गए हैं इसलिए आज सभी का मन अशांत हो गया है। आज वर्तमान समय की स्थिति को देखते हैं तो आज प्रत्येक व्यक्ति शक्तिहीन सा हो गया है। तो आज आवश्यकता है ईश्वर को यथार्थ रीति से जानने की तथा अपना कनेक्शन उनसे जोड़कर अपने अन्दर शक्तियों को भरने की क्योंकि परमात्मा हम सबके पिता है। आज इतनी मेहनत करने के बाद भी सफलता बहुत कम हासिल होती है। क्योंकि हमनें अपने मन की गति- विधियों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया तो आज से पक्का करें कुछ समय अपने लिए निकाले और अपने आप को परमात्म शक्तियों से भरपूर करें।
आगे नवीन परांडे जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान का नाम तो बाल्यकाल से सुनता आ रहा हूँ परन्तु आज यहाँ आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो काफी अच्छा अनुभव अनुभव हो रहा है। मैं आज वर्तमान समय को सामने रखते हुए पहली बात तो यह कहूँगा की आज प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को ना बदलते हुए दूसरों को पहले बदलना चाहता है। दूसरी बात आज सभी ने अपने आप को कार्य मे इतना व्यस्त कर लिया है कि अपने परिवार के लिए इस समाज के लिए किसी के पास वक़्त ही नहीं है तो इस स्थिति में आध्यात्म और मैडिटेशन को जीवन में धारण करना अतिआवश्यक है। और मैं देख रहा हूँ की निश्चित रूप से ब्रह्माकुमारी संस्था सुचारू रूप से इस पर कार्य कर रही है कि सब अपने प्रति और दूसरो के प्रति एक सकारात्मक भाव रखे, एक दूसरे को सहयोग करें, दूसरो को नहीं स्वयं को पहले बदले और अपने जीवन में आध्यात्म और मैडिटेशन को अपनाएं।
इसके साथ ही मनोज शर्मा जी ने बताया की मुझे काफी समय हो गया है ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े हुए है और मैं आप सबके समक्ष बस यह कहना चाहूँगा की इस संस्था में मैं जब भी आता हूँ तो कुछ ना कुछ अनुभव करके जाता हूँ यहाँ का वातावरण अशांत मन को भी शांत कर देता है। यहाँ आकर एक शक्ति मिलती है तो नकारात्मक सोच भी सकारात्मक हो जाती है और कार्य क्षेत्र में रहकर भी आन्तरिक शांति का अनुभव होता है।
बहन जयंती पाल ने कहा की मुझे भी इस संस्थान के संपर्क में रहते हुए काफी समय हुआ है और तब से आज तक मैंने स्वयं में और अपने जीवन में काफी परिवर्तन देखा है।
बहन चेतना तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैंने सिर्फ संस्थान का नाम सुना आज पहली बार आना हुआ संस्थान का प्रयास सराहनीय है मे खुद भी संस्थान से जुड़कर सेवा करूंगी।
बहन यामिनी परांडे ने भी सभी को अपनी शुभ कामनाएं दीं।तत्पश्चात कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदीजी ने सभी को मैडिटेशन करवाया जिससे सभी को गहन शांति की अनुभूति हुई। कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार बी के प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अनेकानेक भाई बहनों ने भी हिस्सा लिया।