आरएसएस के प्रचारकों ने सीखा राजयोग
– ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम- आध्यात्म और अनुशासन ही लायेगा विश्व-परिवर्तन
भौरा कलां, हरियाणा। देश सेवा के लिए समर्पित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) अपने अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के लिए विशेष पहचान रखता है। नि:संदेह आरएसएस राष्ट्रीय एकता का सूत्रधार है। देशभक्ति की एक मिसाल है। ये विचार ब्रह्माकुमारीज के दिल्ली, शक्ति नगर सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके चक्रधारी दीदी ने व्यक्त किए। भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हरियाणा प्रदेश शाखाओं के आरएसएस प्रचारकों के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि योग आत्मा की क्षमताओं को विकसित करता है। आत्मिक बल व्यक्ति को श्रेष्ठ कर्मों की राह प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्म और अनुशासन से ही हम विश्व में परिवर्तन ला सकते हैं।
– स्वर्णिम भारत के निर्माण में ब्रह्माकुमारीज और आरएसएस का सहयोग जरूरी
दिल्ली, करोल बाग सेवाकेंद्र प्रभारी बीके पुष्पा ने कहा कि आरएसएस प्रचारकों का त्याग और सेवाभाव प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि तन के साथ-साथ मन की शक्ति भी जरूरी है। मन से कमजोर व्यक्ति पहले ही हार मान लेता है। तन की शक्ति तो पौष्टिक आहार से मिलती है। लेकिन मन की शक्ति के लिए शुद्ध एवं सकारात्मक विचार जरूरी हैं। राजयोग के अभ्यास से ही मन स्वच्छ और निर्मल बनता है। उन्होंने कहा कि स्वर्णिम भारत के निर्माण में ब्रह्माकुमारीज और आरएसएस का सहयोग जरूरी है। उन्होंने सभी को राजयोग का विशेष अभ्यास भी कराया। कार्यक्रम में संस्था के अन्य वक्ताओं ने भी ईश्वरीय ज्ञान के अनेक विषयों पर अपने विचार रखे।
– आरएसएस के प्रचारकों ने साझा किए अपने अनुभव
आरएसएस के प्रचारकों ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि सेवा में आध्यात्मिक शक्ति के समावेश से ही सुखमय समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आत्म-सशक्तिकरण के लिए बीच-बीच में ऐसे शिविर जरूरी हैं। आगे भी उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में आने की इच्छा जाहिर की। प्रांत प्रचारक विजय ने कहा कि ओआरसी परिसर में आने से ही ऊर्जा का अद्भुत अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि कला और संस्कृति को अध्यात्म से जोड़कर ही श्रेष्ठ संस्कारों का आविर्भाव होगा। कार्यक्रम में प्रांत, सह प्रांत एवं विभाग प्रचारकों ने शिरकत की।