सु-संस्कारों की धरोहर भारत की बेटियां राष्ट्रीय अभियान का जोरदार आगाज

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अभियान की ब्रांड एंबेसेडर बॉलीवुड अभिनेत्री शहनाज गिल और केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा, मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने किया शुभारंभ
ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी बीके आशा, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके चक्रधारी भी रहीं विशेष रूप से मौजूद
आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत देशभर में चलाया जाएगा अभियान
अभियान का थीम सांग… सुसंस्कारों की धरोहर भारत वर्ष की बेटियां लांच

भौरा कलां-ओआरसी (गुरुग्राम)। बिचारी नहीं शक्ति का अवतार हैं बेटियां… का संदेश देते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम में सुसंस्कारों की धरोहर भारत की बेटियां राष्ट्रीय अभियान का जोरदार आगाज किया गया। शनिवार को दादी प्रकाशमणि ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में अभियान की ब्रांड एंबेसेडर बॉलीवुड अभिनेत्री शहनाज गिल, केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा, मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी और ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने हरी झंडी दिखाकर अभियान का शुभारंभ किया।


कार्यक्रम में अभियान की ब्रांड एंबेसेडर बॉलीवुड अभिनेत्री शहनाज गिल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज से जुडक़र मेरी जिंदगी बदल गई। यहां से जुड़ने के बाद मुझे सच्चा ज्ञान मिला। अब तो परमात्मा मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं। मैं इस अभियान की नहीं भगवान की, परमात्मा की ब्रांड एंबेसेडर हूं। मुझे यहां परमात्मा ने भेजा है। मुझे परमात्मा के कार्य को आगे बढ़ाना है। यहां सिखाए जा रहे राजयोग मेडिटेशन की प्रैक्टिस से मेरे थॉट्स बदल गए। वास्तव में हम सभी आत्माएं हैं। प्रत्येक आत्मा अपने आप में अनोखी है। हम सभी इस सृष्टि रंगमंच पर अपना-अपना रोल प्ले कर रहे हैं। दुनिया में जो रिश्ते हैं वह सब अटैचमेंट है। किसी भी रिश्ते से सच्चा प्यार नहीं मिल सकता है। सच्चा प्यार सिर्फ एक परमात्मा से ही मिल सकता है। मैंने जो ज्ञान यहां सीखा है उसे जीवन में एप्लाई भी करती हूं। यह दुनिया  टेम्पररी वर्ल्ड है। रियल वर्ल्ड तो ऊपर परमधाम है। एंटरटेनमेंट वर्ल्ड को रियल में एप्लाई नहीं करें। मेरे विचारों की  क्वालिटी सकारात्मक होने के पीछे मेरी प्योरिटी है

बेटियों को मेंटली स्ट्रांग होगा सबसे जरूरी
अभिनेत्री गिल ने कहा कि आज सबसे जरूरी है कि अपनी बेटियों को मेंटली स्ट्रांग बनाएं। अपने साथ स्प्रीचुअल जर्नी को एड कर लो तो कोई आपको हरा नहीं सकता है। लाइफ में ज्ञान बहुत जरूरी है। ज्ञान से ही कॉन्फिडेंस आता है। कॉन्फिडेंस ही सफलता का आधार है। यदि आपमें कॉन्फिडेंस है तो कोई आपको कभी हरा नहीं सकता है। वास्तव में जो झुकता है, नम्रता से चलता है वही जीवन में आगे बढ़ता है।
मैं अपनी गलतियों से सीखती हूं…
अभिनेत्री गिल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं गलतियां नहीं करती हूं। मुझसे भी गलतियां होती हैं। लेकिन मैं अपनी गलतियों से सीखती हूं। उन्हें परखकर अपनी ताकत बना लेती हूं। जब भी मुझसे गलती होती है तो भगवान को धन्यवाद देती हूं, क्योंकि ठोकरे खाकर ही हमें अक्ल आती है। हमारे थॉट्स ही हमारे संस्कार बनाते हैं। जैसे हमारे थॉट्स होते हैं, वैसे ही हमारे संस्कार बनते हैं।
अभिनेत्री गिल का आह्वान….
गिल ने सभा में मौजूद बच्चों के माता-पिता से आह्वान किया कि सभी मां-बाप अपने लडक़ों को हर लडक़ी की इज्जत करना सिखाएं। सभी को समान परवरिश दें। लडक़े-लड़कियों की तुलना करना बंद करो। अपने बच्चों के साथ क्लोज रहें, ताकि उनकी लाइफ में जब कोई प्रॉब्लम  आए तो वह आपके साथ शेयर कर सकें। अपनी बेटियों को फ्रेंड बनाएं. जब हर एक लडक़ा, लडक़ी की इज्जत करेगा तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। कभी भी लड़कियों को डीमोटिवेट नहीं करें। आज से सभी संकल्प करें कि बेटियां बिचारी नहीं हैं, वह शक्ति का अवतार हैं। लड़कियों के पंख काटना बंद करो, उन्हें वीक हमने बनाया है।  क्या पता किसी को बीके शिवानी, कल्पना चावला बनना है तो किसी को इतिहास बदलना है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जैसे आप घर में अपने बच्चों को ट्रीट करते हैं वैसे ही स्कूल में ही विद्यार्थियों को अपना बच्चा समझकर प्यार से ट्रीट करें, उन्हें मूल्यों की शिक्षा दें।

छोरियां छोरो से आगे बढ़ रही हैं: मंत्री मुंजापारा
केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा ने कहा कि मैंने 30 साल  पहले जो संकल्प किया था वह आज पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने अमृत महोत्सव और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से बेटियों को सपनों को नए पंख लगाए हैं। आज बेटियों को आगे बढ़ने की पूरी आजादी है। अब बेटियां सैनिक स्कूलों में भी प्रवेश ले सकती हैं। सुसंस्कारों की धरोहर भारत की बेटियां अभियान को बेटियों का जीवन बदलने, उन्हें मूल्यशिक्षा और आध्यात्मिक शिक्षा देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। अभियान के माध्यम से 10 से 15 साल की बेटियों को एम्पावरमेंट किया जाएगा।


हर स्कूल में संस्कारों के लिए मिले प्राइज: बीके शिवानी दीदी

मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने कहा कि सफलता अर्थात् श्रेष्ठ संस्कार। एम्पावरमेंट अर्थात् आत्मा का एम्पावरमेंट करना। हमारे संस्कार से संसार बनता है। हर स्कूल में संस्कारों के लिए प्राइज मिलना चाहिए। तभी समाज संस्कारों की वैल्यु करेगा और हर एक इसे महत्व देगा। जब हमारा लक्ष्य बन जाएगा कि मुझे दिव्य आत्मा बनना है, मुझे महान आत्मा बनना है तो हर एक बच्चा महान बन जाएगा। माता-पिता बच्चों की परवरिश में बच्चों के संस्कारों को डवलप करने, उन्हें धारण करने और श्रेष्ठ बनाने पर जोर दें। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि आज सभी संकल्प करें कि जरूरत पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे और सीखने वाली चीजें के लिए ही टीवी का इस्तेमाल करेंगे। सभी बच्चों सुबह उठकर सबसे पहले परमात्मा को गुडमार्निंग करें और रोज कम से कम 5-10 मिनट परमात्मा को याद जरूर करें।
इन्होंने भी रखे अपने विचार-
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक कारपोरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की जाइंट डायरेक्टर पारुल श्रीवास्तव ने कहा कि इस सृष्टि में संतुलन बनाए रखने के लिए ब्रह्माकुमारीज जैसे संस्थान हैं जो भगवान के कार्य को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अखिल भारतीय महिला सम्मलेन की अध्यक्ष शीला काकड़े ने कहा कि हमारे संगठन के साथ करीब एक लाख महिलाएं जुड़ीं हैं हम पूरी तरह से ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ खड़े हैं। ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने कहा कि अभियान के माध्यम से हजारों बेटियों को जीवन में नए पंख लगाकर उड़ने, आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। महिला प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा बीके चक्रधारी ने कहा कि आज बेटियों को सामने देखकर मुझे भी अपने बचपन के दिन याद आ गए कि कैसे इस विद्यालय में कुमारियों को भविष्य के लिए तैयार किया गया।

ऐसे चलाया जाएगा अभियान-
अभियान के बारे में बीके विधात्री बहन ने बताया कि सुसंस्कारों की धरोहर भारत की बेटियां राष्ट्रीय अभियान के तहत बालिकाओं के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षा प्रदान की जाएगी। साथ ही बेटियों की काउंसलिंग करके उन्हें राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनाया जाएगा। बालिकाओं के संर्वांगीण विकास के लिए आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान कर सशक्तिकरण किया जाएगा। अभियान के तहत बालिकाओं को महिलाओं से जुड़े अनेक विषयों- व्यक्तित्व का विकास, जीवन मूल्य, पवित्रता की शक्ति, भय को कैसे दूर करें आदि विषयों पर शिक्षित-प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही अभियान के माध्यम से सेल्फ अवेयरनेस, रिस्पांसिबिलिटी, यूनिटी, पीस, हार्मनी आदि विषयों पर बालिकाओं को शिक्षित किया जाएगा। इसके माध्यम से देशभर में 800 से अधिक कार्यक्रम स्कूलों, सामाजिक संस्थाओं में आयोजित किए जाएंगे। अभियान का समापन दिसंबर 2022 में किया जाएगा।

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