दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण का शुभारंभ हुआ

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इंदौर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा ”आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर” परियोजना के अन्तर्गत इस वर्ष 2022 को ”दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण” वर्ष निश्चित किया गया है । संस्थान की इस थीम का आज ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह ज्ञानशिखर ओमशान्ति भवन में शुभारंभ समारोह पूर्वक किया गया।
इस अवसर पर विधायक एवं पूर्व मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि ”आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर” परियोजना का प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उद्घाटन किया गया है और वर्ष भर के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्णिम भारत आत्मनिर्भर भारत से बनेगा। ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा मानव निर्माण का बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि सच्ची दया बहुत शुद्ध, उच्च कल्याण की भावना है। सच्चे दिल से की गई दया में रहम और करुणा का भाव होता है और वह मनुष्य को सोचने, समझने तथा अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए विवश कर देती हैं । दया दिखावटी या मिलावटी नही होना चाहिए। दया में कोई भी स्वार्थ नहीं होना चाहिए।
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय में नेशनल काउन्सिल फंड के सदस्य डाॅ. भरत शर्मा ने कहा कि आज देश और दुनिया संवेदना विहीन होती जा रही है ऐसे में दया और करुणा जो कि हिन्दुस्तान की परम्परा रही है वह फिर से आध्यात्मिकता के द्वारा ही लाई जा सकती है। ब्रह्माकुमारी संस्था इसके लिए प्रयासरत है। हमारे यहां गौ माता, गंगा माता, भारत माता तथा देवियों को माता के रुप में मान दे पूजा जाता है। यदि हमारे में निमित्त भाव बना रहे तो दया में स्वार्थ भाव नही आयेगा।
डाॅ. प्रशांत चैबे, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने कहा कि विश्व को मानवता सिखाने वाला भारत देश ही है। क्रोध का प्रतिकार क्रोध से करने पर विध्वंस ही होता हैं और क्रोध का प्रतिकार क्षमा से करें तो शांति स्थापित हो जाती है। क्रोध छोटी छोटी बातों से शुरु हो कई लोगों के जीवन को हमेशा के लिए दुखी कर देता है।  इंदौर की पूर्व महापौर डाॅ. उमाशशी शर्मा ने कहा कि माता दया और करुणा सिखाने वाली सबसे बड़ी प्रथम गुरु है। माँ में कोई स्वार्थ नहीं होता। कोरोना काल में लोगों ने दया भाव से ही एक दूसरे की मदद की । हमे प्राणी मात्र पशु पक्षी सब पर दया करनी चाहिए।
शक्तिनिकेतन कन्या छात्रावास की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि दया के लिए हमे मन को क्रोध रुपी विकार से मुक्त रखना होगा। क्रोध के वशीभूत होकर हम कभी भी दया नहीं कर सकते । जीवन में स्थायी दया आ जाती है उसे ही करुणा कहते हैं। भगवान को करुणा करण, करुणां के सागर कहा जाता हैं क्योंकि वे सब पर स्थायी दया करते हैं।
ब्रह्माकुमारी जयंति दीदी संचालिका कालानी नगर इंदौर ने योगाभ्यास कराया तथा ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने स्वागत गीत गाया। इस अवसर पर प्रारंभ में अतिथियो एवं इंदौर की वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर वर्ष की थीम का शुभारंभ किया गया तथा ज्ञानशिखर के 6वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर केक कटिंग की गई एवं इंदौर जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी के कर्तव्यों का स्मरण किया गया। तत्पश्चात ज्ञानशिखर में गत वर्ष हुई सेवाओं की झलकियां वीडियो के रुप में दिखाई गई। शक्तिनिकेतन की छात्राओं द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

 

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