कादमा: भ्राता अमीरचंद जी स्मृति दिवस पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर

0
235

कादमा (हरियाणा):त्याग, तपस्या, सेवा, समर्पणता के प्रतिमूर्ति थे राजयोगी ब्रह्माकुमार अमीरचंद भाई जी यह उद्गार  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी  ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा क्षेत्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सेवा केंद्र पर द्वितीय स्मृति दिवस पर   श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए  व्यक्त किए। भ्राता अमीर चंद जी के दूसरे स्मृति दिवस पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं श्रद्धांजलि का कार्यक्रम सेवा केंद्र पर रखा गया इस अवसर पर सरपंच चांदपती देवी, समाजसेवी कप्तान रामअवतार थालौर, अशोक थालौर, महेश फौजी, सुरेंद्र , सुबे स्वामी पंच, ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन आदि ने  भ्राता अमीरचंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।   वसुधा बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ के मैनेजमेंट कमेटी के सम्माननीय सदस्य, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड से मिलकर बने पंजाब ज़ोन के इंचार्ज, समाज सेवा प्रभाग के उपाध्यक्ष और सोनीपत रिट्रीट सेंटर के डायरेक्टर आदरणीय दैवी भ्राता राजयोगी ब्रह्माकुमार अमीरचंद भाई जी ने  इस जीवन की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर आगे की मंजिल के लिए महाप्रयाण किया। ब्रह्माकुमारी वसुधा ने कहा की ब्रह्माकुमार अमीरचंद भाई जी का ईश्वरीय जीवन सम्पूर्ण मानवता के लिए उदहारणमूर्त, मार्गदर्शक एवं प्रेरणादायक रहेगा। उन्होंने कहा की  उनके मधुर मीठे मोती तुल्य बोल, रूहानी प्रेम से भरी दृष्टि और  पावन सानिध्य रह रह उनकी याद दिलाता रहेगाl उनकी त्याग तपस्या और समर्पणता सदा ही उनकी सूक्ष्म उपस्थिति का एहसास कराती रहेगी। वसुधा बहन ने कहा किउत्तर भारत में स्थित 500 से अधिक ब्रह्मा कुमारिज़ के सेवाकेन्द्रों का संचालन उनके द्वारा बहुत ही कुशलता के साथ किया जाता था. उनके मार्गदर्शन में सोशल विंग द्वारा पूरे भारत में अनेक प्रकार की सेवाएं हुई, सेंकड़ों सम्मलेन एवं  अनेक राष्ट्रीय समाज कल्याण के अभियान निकाले गए l उन्होंने यूरोप, अमेरिका, रूस, चीन, मलेशिया, नेपाल व अरब देशों में आध्यात्मिक यात्रायें करके भारत के प्राचीन राजयोग और आध्यतम का परचम लहराया। इस अवसर पर झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा, रमणीक स्वभाव सभी में उमंग उत्साह भर देता था और वे सदा ही सभी को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखते थे. वे अपने मधुर व्यवहार से सबके दिलों पर राज्य करते थे और वे सबके दिलों में एक अविस्मरनीय छाप छोड़ कर गए हैं. वे प्रतिदिन अमृतवेले 3 बजे उठकर गहरी योग-साधना करते थे. उनकी ओजस्वी वाणी, आत्मिक दृष्टि व तेजोमय चेहरा हरेक को रूहानी आकर्षण में बांध देता था। उन्होंने कहा की  दो मिनट की उनसे मुलाकात भी हर व्यक्ति को आध्यत्मिक खजाने से भरपूर कर देती थी। इस अवसर पर ब्रह्माभोजन का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों भाई बहनों ने भाग लिया। स्वास्थ्य जांच शिविर में जीके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर आशीष व कुलवंत की टीम ने अपनी निशुल्क सेवाएं दी इस मौके पर बीपी शुगर व ईसीजी भी फ्री की गई तथा फ्री दवाइयों का वितरण किया गया।ऐसी महान आत्मा को दिल व प्यार से स्मरण करते हुए समस्त झोझु, कादमा, रामबास का ब्रह्माकुमारीज परिवार द्वारा  भावपूर्वक भावभिनी श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें