गुवाहाटी : प्रशासक सम्मेलन का आयोजन किया गया

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व्यापक जनहित के मामलों का त्वरित निर्णय ले … – मुख्य सचिव (Assam) पवन कुमार बोरठाकुर…
स्व के शासक बन निर्णय लें, जिससे बहुतों की दुआएं मिलेगी – ब्रह्माकुमारी आशा दीदी
नीतियों के निर्माण और परिपालन में सकारात्मकता जरूरी – सीताराम मीणा पूर्व आईएएस, उत्तर प्रदेश

गुवाहाटी,असम: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गुवाहाटी सेवा केंद्र तथा प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा विश्व शांति भवन में दिनांक: 24 दिसंबर, 2022 के दिन एक बहुत ही सुंदर प्रशासक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय रखा गया था Excellence in Administration through Spirituality – आध्यात्मिकता के द्वारा प्रशासन में उत्कृष्टता। 
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए असम सरकार के मुख्य सचिव पवन कुमार बोरथाकुर ने अपने विचार बताते हुए कहा कि, प्रशासकीय क्षेत्र में लिए गए निर्णय का आमजन पर बहुत असर होता है। जिम्मेवारी के साथ त्वरित निर्णय लिए जाने से, नियमों एवं मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णय लेने से बहुतों का हित होता हैं। सकारात्मकता से लिए गए निर्णय उसे प्रशासक बहुतों के जीवन में खुशहाली ला सकता है आत्म सम्मान और विश्व एवं परिवार की भावना से प्रशासन में पारदर्शिता आएगी। शांत और स्थिर मन से निर्णय लेने से अधिकतम लोगों के जीवन में समय सीमा में खुशहाली ला सकते हैं।
सम्मेलन में ब्रह्माकुमारीज के राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के प्रशासक सेवा प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी, दिल्ली ने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण रखने से प्रशासन में उत्कृष्टता आती है हम पहले स्व के शासक बने। अपने मन में निहित खुद की शक्तियों के खजाने को पहचाने और व्यापक जनहित में कल्याणकारी और पारदर्शी निर्णय ले तो समाज में लोगों का जीवन, शांति और खुशी से संपन्न बना सकते हैं इससे स्वच्छ और उत्तरदाई प्रशासन के साथ, जनता की दुआएं भी अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्म सम्मान और मेडिटेशन को अपने जीवन में अपनाने से हमारी आत्मा की सोच सकारात्मक और मजबूत बन जाती है। मानवीय मूल्यों से मन शांत रहता है। लोगों के जीवन से तनाव निराशा मुक्त हो खुशहाल जीवन जीना आसान बन जाता है वही भावना एक सच्चे सफल प्रशासक की होती है
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व सचिव सीताराम मीणा आईएएस ने कहा कि, अपने लंबे प्रशासनिक कार्यकाल के दौरान राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से स्वयं का आंतरिक सशक्तिकरण होता है। मन की सोच, विचार की शक्ति व्यापक होती है। पारदर्शी व सहानुभूति पूर्वक हमें नीतियां बनाने व उनका अमल सुनिश्चित करने की स्पष्ट दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्माण किया जाना चाहिए और जो भी निर्णय लेकर निर्देश प्राप्त हो उसका परिपालन दृढ़ता से किया जाना चाहिए मेडिटेशन का अभ्यास मन में मजबूती लाता है तथा हल्का व तनाव रहित होकर कर्म करने का सामर्थ्य देता है।
सम्मेलन में सिरसा हरियाणा से आई वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी बिंदु दीदी ने राजयोग मेडिटेशन की विधि बताते हुए इसका क्रियात्मक अभ्यास करवाया। माउंट आबू राजस्थान से आये प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्मा कुमार हरीश भाई ने प्रशासक प्रभाग के द्वारा हो रही सेवाओं की जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रभाग भारत के विभिन्न स्थानों में अनेक कार्यक्रम सम्मेलन, संगोष्ठी, डायलॉग, ट्रैनिंग, अभियान आदि का आयोजन करता रहता है। माउंट आबू मुख्यालय में भी प्रति वर्ष देशभर के प्रशासकों के लिए सम्मेलन आयोजित करते हैं। 
दिल्ली ओम शांति रिट्रीट सेंटर से आई ब्रह्माकुमारी विधात्री बहन ने आयोजक संस्था ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय का विस्तार से परिचय दिया। उन्होंने कहा कि यह संस्था लोगों के जीवन में आचार विचार और व्यवहारों में मूल्यों के प्रति जनजागृति लाने तथा अपनाने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और सहज राजयोग की शिक्षा दे रही है। सम्मेलन के प्रारंभ में कुमारी प्रियंका ने स्वागत किया तथा अतिथियों के ने दीप प्रज्वलन कर के सम्मेलन का शुभारंभ किया। नलबाड़ी जिले के ब्रह्माकुमारी संस्था के सेवाकेंद्र इंचार्ज ब्रह्माकुमारी जोनाली बहन ने सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। ओम शांति रिट्रीट सेंटर दिल्ली से पधारेब्रह्माकुमारी हुसैन बहन ने कार्यक्रम का सुंदर संचालन किया और ब्रह्माकुमारी मौसमी बहन ने सम्मेलन में पधारे सभी मेहमानों तथा अन्य भाई बहनों का बहुत दिल से स्वागत किया। 


इस सम्मेलन का करीब 300 प्रशासक भाई बहनों ने लाभ लिया।

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