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शाश्वत यौगिक खेती, व्यसन मुक्ती और श्रेष्ठ कर्मो से किसान सशक्त बनेगा-भगवान भाई

कुंभकोणम (तमिलनाडु ) : आध्यात्मिक ज्ञान मनुष्य आत्माओं को निगेटिव्ह से पोजिटिव्ह, प्युअर, पीसफूल बनाती है। इसमें पहला मुख्य सब्जेक्ट सच्चा ईश्वरीय ज्ञान इसमें मै कौन हू, मुझे कौनसा कर्म करना जिसमें लाभ हो ना की नुकसान हो। भगवान का सत्य परिचय दिया जाता है। सृष्टी चक्र, दुसरा राजयोग पढाया जाता माना राजाई प्राप्त करानेवाला योग। योग के व्दारा स्वभाव और कर्मो में पाॅजिटिव्हीटी लाता है। तिसरा धारणा, क्षमा, प्रेम, दया इसकी धारणा होती है। चवथा सेवा माना सुख देना, सहयोग देना इसमें तन-मन-धन की सेवा सिखाई जाती है। यहा सिखाया जाता आत्म ज्योत से अपनी और दुसरो की जगानाा इस संस्था पाच पिस प्राइज मिले है। युनो में गैरसरकारी संस्था के रुप में कार्य कर रही है। इसमें 19 विंग है। ग्रामविकास विंग के अंतर्गत गांवो की सेवा करते है। कुछ गांव एडाॅप्ट करते है और सरपंच, पोलीस पाटील वहा के युवा को सम्मिलीत करते हुए काम करते है। उक्त उदगार एराग्राम में जिओ लाइफ एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा किसान जागृति  पर कार्यक्रम में बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारी द्वारा  व्यसनमुक्ती के कार्यक्रम करते है। इसमें तिसरा शाश्वत यौगिक खेती इसमें चार प्रकार के फायदे होते है। सबसे पहले उनके कर्म श्रेष्ठ कर्म होते है चरित्रवान बनाता है। जमीन उपजाऊ बनती है। और फसल बहुत अच्छी जो बहुत दिनो तक रहती है। इससे पैसा भी ज्यादा मिलता है। चवथा संबध सुधरते है। किसान माना हम समझते है देश की शान है। उनको हम इस विंग के व्दारा शान में बिठाते है। यहा पर कोई भी आ सकता है। धर्म भेद, जाती भेद नही है। क्योंकी इसकी स्थापना स्वयं भगवान ने की है। जब दुनिया में धर्म ग्लानी का समय गीता में वर्णीत यदा यदा ही धर्मस्य ……. के समय अनुसार उनकी जरुरत पूरी दुनिया को पडी तो वह 1937 में अवतरीत होकर इस संस्था की स्थापना की।

अरुण कुमार-जिओ लाइफ एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी सदस्य ने वर्तमान को किसानो को कैसा लोगो कि सहत का ध्यान रखते हुए अनाज को पैदा करना है इसका उद्देश समजाया |

टी रामकृष्ण जी ने कहा कि  शाश्वत यौगिक खेती का कन्सेप्ट बताया कि जीयो और जीने दो। ग्रामविकास में अध्यात्मिकता की जरुरत है। कृषी में हमें सभी जीवो को शांती के सुख के शक्ती देना। आध्यात्मिकता से हम जमीन को सस्टेनेबल माना शाश्वत बनाता है। 18 एलिमेंट जो धरती को उबजाऊ बनाते है। जो की मिसींग है, जो सुक्ष्म है उनको जमीन को देना है। आज गाव में राजनेता है पर नैतिकता है यह मिसिंग लिंक है। गाव में स्कुल है पर चरित्र की मिसिंग लिंक है तो उस मिसिंग लिंक को पूर्ण करना है। यह समय हैै परिवर्तन का हमे अपनी उंगली लगाना हैै गोवर्धन पर्वत रुपी इस व्यवस्था में, यह सृष्टी यह देश को सहयोग देना है। आधुनिकता के साथ अध्यात्मिकता को जोडना है। धन के साथ अध्यात्मिकता को जोडना है।

अरुण कुमार-जिओ लाइफ एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी सदस्य, सदिल कुमार- जिओ लाइफ एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी सदस्य, टी रामकृष्ण- आधुनिक खेती, शक्ति- आधुनिक खेती यह सभी भी उपस्थित थे |

कार्यक्रम अंत में राजयोग अभ्यस भी कराया |

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