बालोतरा,राजस्थान: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बालोतरा सेवाकेन्द्र पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कुशल मोटिवेशनल वक्ता, कॉर्पोरेट ट्रेनर, लाइफ कोच एवं काउंसलर मुंबई के प्रोफेसर ई.वी. गिरीश भाई जी के द्वारा तीन दिवसीय शिविर “वाह जिंदगी वाह” २८ से 30 दिसंबर को रात्रि 7.00 बजे हुई ।
प्रोफेसर ई.वी. गिरीश भाई जी ने आध्यात्मिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के वर्तमान तनाव युक्त समय में हर मनुष्य को आध्यात्मिकता को अपनाने की बहुत आवश्यकता हैA आध्यात्मिकता अर्थात सत्यता के आधार से जीवन जीनाA सत्य वह होता है जो अविनाशी है और सबके लिए समान हो. आज चारों तरफ परेशानियाँ बढती जा रही है, इन्सान अपने इन्द्रियों पर नियंत्रण खो बैठा है, छोटी छोटी बातों में क्रोध कर रहा है, ऐसे समय पर जीवन की वास्तविकताओं को समझने के लिए आध्यात्मिकता आवश्यक है A तभी हम स्वयं जो हैं जैसे हैं, दुसरे जो हैं जैसे हैं, सब कुछ सहर्ष स्वीकार कर सकेंगे, सदा खुश रह सकेंगे। उन्होंने कुछ मिनटों के लिए राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया A सभी प्रतिभागी मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे थे I
नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा जी जैन, राजस्थान रिफाइनरी के मानव संसाधन विभाग के जनरल मेनेजर भ्राता अमर बागडे, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के निर्माण विभाग के जनरल मेनेजर भ्राता बी एम राव, डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल भ्राता मानवेन्द्र कानूनगो, डॉ शिवनानी, डॉ खुशाल खत्री, इनर व्हील क्लब की प्रेसिडेंट सुमित्रा खत्री, समाजसेवी ओम जी बांठिया, पेंशनर समाज के अध्यक्ष शंकरलाल जी, कालुरामजी कुम्हार उप तहसीलदार जसोल आदि गणमान्य जन तथा जालोर ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी, बालोतरा प्रभारी उमा दीदी, अस्मिता दीदी, एकता दीदी, माउंट आबू से आये आईटी प्रभाग के राजयोगी हिमांशु भाई दीप प्रज्वलन में शामिल थे।
तीन दिवसीय शिविर “वाह जिंदगी वाह” के दुसरे दिन गिरीश भाई जी ने अपने अन्दर के हीरो को पहचानो विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान का भावार्थ है आत्मा का ज्ञान। यही मानव जीवन का सत्य स्वरुप है। आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है। संसार का हर एक मनुष्य, आत्मा ही है अर्थात हम मनुष्य, आत्माएं है, शरीर से भिन्न है। जैसे गन्ने का मूलभूत स्वभाव मीठा है, नमक खारा होता है, करेला कड़वा, निम्बू खट्टा होता है, वैसे ही हर मनुष्य आत्मा का मूलभूत स्वभाव सुख,शान्ति,आनंद,प्रेम,शक्ति,पवित्रता है। इसकी विस्मृति और देह व देह की स्मृति ही दुःख,अशांति का कारण है। उन्होंने सबका ध्यान खिंचवाते हुए कहा कि घर गृहस्थ में रह धंधा धोरी करते हुए भी शान्ति,प्रेम,आनंद की स्थिति में रह अपना कर्तव्य निभाएं। राजयोग मेडिटेशन से सारे दिन में आत्म अनुभूति करते हुए ही अपना कर्तव्य करना ही अपने जीवन को वाह वाह बनाना है।
तीसरे दिन संबंधों में मधुरता विषय पर प्रकाश डालते हुए गिरीश भाई जी ने कहा कि हमारे आपसी संबंधों को मधुर बनाने के लिए सर्वप्रथम स्वयं का स्वयं के साथ और स्वयं का परमात्मा के साथ सम्बन्ध अच्छे होने चाहिए। अपने आपके के लिए प्यार, सम्मान के साथ हम जो हैं जैसे हैं स्वीकार करें, मन को रोज़ भगवन से जोड़ें। संसार में हर मानव में आज शान्ति, प्रेम की भावना की कमी है, और उनसे प्यार, सम्मान की अपेक्षा से दुःख और निराशा ही मिलनी है। अतः भगवान में मन लगाने से ही हमें सच्चे सुख, शान्ति, प्रेम, आनंद की अनुभूति होती और हमारी अपेक्षाएं लोगों से स्वतः कम हो जाती, सबको कुछ देने की भावना उत्पन्न होती। मनोवैज्ञानिकों की शोध के बारे में उन्होंने बताया कि सच्ची खुशी देने में ही मिलती है। राजयोग के अभ्यास के समय अपने आप को बहुत ही सकारात्मक विचार दिए जाते हैं और हमारा बाह्य मन शांत होते ही वह विचार अवचेतन मन में पहुँच जाते और हमारे साथ वही होता जैसा हम सोचते हैं। आध्यात्मिकता को अपनाने का ध्येय ही है जीवन को आसान बनाना, सुख शांतिमय तनाव मुक्त बनाना।
अंत में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया। हमारे में गुण शक्तियों का विकास होता और हमारी ज़िन्दगी वाह वाह बन जाती । २०२३ की शुरुआत सकारात्मक विचार के साथ करने के लिए सभी को प्रेरित किया गया, केक कटिंग भी किया गया जिसमें जसोल के सब रजिस्ट्रार भ्राता कालूराम जी कुम्हार, रिफाइनरी के CGM नागेश्वर राव, DGM विनोद जी, नर्सिंग हॉस्टल के प्रिंसिपल मदन जी जीनगर, इनर व्हील क्लब के उमा जी, कल्पना जी के साथ उमा दीदी, अस्मिता दीदी, मिनती दीदी आदि शामिल हुए। बालोतरा के सैकड़ों गणमान्य लोगों ने बढ़ चढ़ कर कार्यक्रम में भाग लिया।
इसके अलावा DPS स्कूल, HPCL राजस्थान रिफाइनरी, रोटरी क्लब में भी मोटिवेशनल टॉक रखा गया जिसका लाभ अनेकों को मिला।