स्वामी आत्मानंद सरस्वती कनिष्ठ शंकराचार्य राम जन्मभूमि न्यास उपाध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद प्रचार अध्यक्ष सेवाकेंद्र पर आगमन पर स्वागत सम्मान के बाद ग्रुप फोटो में ब्रह्माकुमार नारायण भाई, ब्रह्माकुमरी पुष्पा बहन, ब्रह्माकुमारी प्रिया बहन व अन्य भाई-बहनें.
राजिम-नवापारा , छत्तीसगढ़ : जन जन को जन कल्याण का कार्य करने हेतु ब्रम्हाकुमारी के द्वारा बना नवनिर्मित ग्लोबल पीस हॉल शहर वासियों को आध्यात्मिक पथ, भटके हुए राही को सच्ची राह दिखाने लाइट हाउस का कार्य करेगा ।इस हाल में प्रवेश करने वाला हर मानव को स्वयं की सत्य अनुभूति और परमात्मा अनुभूति होने लगती है। एक हजार भाई बहनों के लिए बैठने के लिए सबसे बड़ा यह शहर में हाल है जो हमारे लिए गौरव की बात है। शांति अनुभूति करने के लिए विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। । यह विचार ब्रम्हाकुमारी के त्रिमूर्ति भवन मैं पधारे कनिष्ठ शंकराचार्य, राम जन्मभूमि न्यास के उपाध्यक्ष ,विश्व हिंदू परिषद प्रचार समिति के अध्यक्ष स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने ब्रम्हाकुमारी के द्वारा सम्मान व स्वागत कार्यक्रम में नगर वासियों को संबोधित करते हुए कहे ।आपने बताया कि संस्था मुख्यालय आबू में सभी को तीन दिन के लिए अवश्य जाना चाहिए, पहले दिन वहां के विशाल भोलेनाथ का भंडारा, एशिया का पहला विशाल डायमंड हॉल देखना होता है, दूसरे दिन वहां के दिव्य फरिश्तों से मिलन होता है और तीसरा दिन सत्य परमात्मा की प्राप्ति ,जीवन जीने का सही मार्गदर्शन मिलेगा। इस कार्यक्रम में सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी पुष्पा बहीन ने बताया कि संत इस सृष्टि के धरोहर होते हैं जिनके पवित्रता के प्रकंपन से पांचों तत्वों को पोषण मिलता है जिससे यह तत्व मानव की सेवा कर रहे हैं। जल, हवा, अन्न के रूप में हमें पोषित कर रहे हैं ।इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमार नारायण भाई ने कहा कि परमात्मा शिव के द्वारा स्थापित संस्था मानव कल्याण में अपनी अग्रिम भूमिका निभा रहा है। इस सत्य ज्ञान से जन-जन के संस्कारों में बदलाव आ रहा है ।राजयोग के माध्यम से विचारों में परिवर्तन आता है जिससे वातावरण परिवर्तित होता है सभी को सुख शांति का अनुभव व प्राप्ति होने लगती है।इस हाल में ही स्वयं की पहचान, परमात्मा की पहचान, कर्मों की पहचान ,समय की पहचान, जीवन दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्शनी आधुनिक लाइटों से सुसज्जित की गई है।कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मा कुमारी प्रिया ने किया। स्वामी जी का सम्मान शाल व श्रीफल देकर किया गया। उन्होंने इस संस्था की बहुत ही भूरी भूरी प्रशंसा की।