ग्वालियर,मध्य प्रदेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित 4 दिवसीय मैडिटेशन शिविर के तीसरे दिन युवा प्रभाग के द्वारा “उठो जगत के वास्ते” कार्यक्रम स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभु उपहार भवन माधौगंज में सम्पन्न हुआ | कार्यक्रम खास युवाओं के लिए रखा गया था जिसका आयोजन दो सत्रों में हुआ प्रथम सत्र में लाब्रेरी के छात्रों के लिए एवं दूसरे सत्र सामजिक संस्थाओं के युवाओं के लिए रखा गया जिसमें लगभग 600 युवाओं ने भाग लिया |
जिसमे मुख्य रूप से बी.के. गीता दीदी (भीनमाल), ब्रह्माकुमारीज लश्कर प्रभारी बी.के. आदर्श दीदी, बी.के. डॉ. गुरचरण भाई, बी.के. प्रहलाद भाई, बी.के.ज्योति बहन , बी.के.पवन भाई के साथ कई सहयोगी सेवाधारी उपस्थित थे |
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ तत्पश्चात बी. के. गीता दीदी जी सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे किसी पत्थर को श्रेष्ठ भावना से तराशा जाये और किसी विशेष समय या अच्छे दिन पर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाए तो वही प्रतिमा सर्व के द्वारा वन्दनीय, पूज्यनीय बन जाती है । जीवन को भी तराशना पड़ता है, गड़ना पड़ता है । जीवन मिला सबको है परन्तु उसे तराशने की कला कोई कोई के पास होती है । विशेषताएं, खूबियाँ, क्षमताएं हर किसी में है परन्तु उस क्षमता के बीज को उन्नत करना हम सबका फर्ज है । अगर हम अपने जीवन को जन-उपयोगी, समाज-उपयोगी, परिवार-उपयोगी नहीं बनाते है तो यह भी हमारे ऊपर एक बड़ा कर्जा है । दीदी जी ने बताया कि अपनी क्षमताओं का विकास करने के लिए हमें अपनी TEAM का सदुपयोग करने की आवश्यकता है । हमारे अन्दर में भी एक TEAM है जो निरंतर हमारे साथ काम कर रही है । और एक अच्छा टीम लीडर वही होता है जो अपनी टीम को व्यवस्थित कर सके । उन्होंने बताया कि हमारी टीम है :
T- THOUGHTS
E- EMOTIONS
A- ATTITUDE
M – MANAGE
एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के निर्माण के लिए हमें अपनी का प्रभावी ठंग से उपयोग करने कि आवश्यकता है ।
आगे बी.के. डॉ. गुरचरण भाईजी ने बताया कि आज हर व्यक्ति एक दुसरे को सहयोग करने के बजाय अपने साथ वाले व्यक्ति से आगे निकलने की रेस में लगा हुआ है | परन्तु हम यह भूल जाते हैं की सबका सहयोग कर के आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे तो प्रकर्ति भी आपको सहयोग देगी | क्योंकि हमे स्वयं की शक्ति का अंदाज़ा ही नहीं है आज हर युवा बहुत ही शक्तिशाली है परन्तु उससे पहचानने की और उसको अपने जीवन में यूज़ करने की आवश्यकता है |
कार्यक्रम के अंत में बी.के. आदर्श दीदीजी ने सभी युवाओं को शुभ भावना देते हुए कहा कि युवा तो आने वाले देश का भविष्य है और आज हर एक युवा अपने जीवन में सफल होना चाहता है और कुछ हासिल करना चाहता है परन्तु इसके लिए जीवन में लक्ष्य का होना बहुत ज़रूरी है | तत्पश्चात बी.के.गीता दीदीजी ने सभी को मैडिटेशन करवाया जिससे सभी को गहन शांति की अनुभूति हुई |
कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के.प्रहलाद भाईजी के द्वारा हुआ |