बिशुनपुर (गुमला ), झारखण्ड: शिव परमात्मा हम सब के माता-पिता हैं , मनुष्य सृष्टि के बीज रुप है और जन्म मरण तथा कर्म बंधन से रहित है अतः वह एक साधारण मनुष्य के वृद्धावस्था वाले तन में प्रवेश करते हैं इसे ही परमात्मा शिव का अवतरण भी कहा जाता है| सच्ची शिवरात्रि मनाना अर्थात काम , क्रोध , लोभ ,मोह , अहंकार आदि रूपी बुराई रूपी अक को शिव पर चढ़ाना अर्थात अपने जीवन से सदा के लिए समाप्त करना ही परमात्मा शिव को प्रसन्न करना है |जब हम इन बुराईयो से , दुर्गुणों से , व्यसन-नशा से और विषय विकारो से मुक्त होंगे तब ही संसार कि अज्ञानता रूपी रात्रि समाप्त हो जाएगी।उक्त उदगार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए बी के भगवान भाई ने कहा वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज पाठशाला द्वारा महाशिवरात्रि निमित आयोजीत एक कार्यक्रम में महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए बोल रहे थे |
भगवान भाई जी ने कहा कि शिव परमात्मा के असीम कृपा का यादगार पर्व महाशिवरात्रि है | शिव परमात्मा का अवतरण पाप और भ्रष्टाचार के नाश के लिए होता है। अभी संसार में पाप, अशांति बढ़ती जा रही है ऐसे समय पर शिव भगवान अपने वायदे के अनुसार इस संसार में अवतरित हो चुके हैं । उसी का यादगार पर्व यह शिवरात्रि मनाते है |उन्होंने कहा कि कहा कि शिव जी पर बेर चढ़ाना या आपसी बैर भाव को मिटाना है। तीन बेलपत्र चढ़ाना अर्थात ही शिव भगवान के कार्य में हमें तन मन धन से सहयोगी बनना है। स्वयम को अज्ञान निद्रा से जगाना ही जागरण करना है |
स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की बी के ममता बहन जी ने कहा कि शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताया कि सभी मनुष्य आत्माएं जब अज्ञान अंधकार, आसुरी लक्षणों की पराकाष्ठा के अंतिम चरण में प्रवेश कर जाती है इसके पश्चात आत्माओं के अज्ञान और दुख के समय को कहा जाता है शिवरात्रि | उन्होंने कहा कि जब हम भगवान शिव का ध्यान लगाते ,ज्ञान कि धारणा करतें है तब हम पवित्र बनते हैं ,सुखी बनते हैं , उसके बाद सतयुग नई दुनिया की स्थापना होती है इस दुनिया में पवित्र तथा सुख का समय शुरू होता है
डॉ उत्पल सरकार जी ने कहा कि महाशिवरात्री का त्योहार सभी त्योहारों में से महान है। चूंकि यह निराकार परमात्मा शिव के अवतरण का यादगार पल है। परमात्मा सभी के पिता है |हम आपसी भाई भाई है इस भावना को जाग्रत करने कि आवश्यकता है |
महेश सोनी जी ने कहा कि शिव बाबा भोलेनाथ को विकार अर्पण करते हैं जिससे हम अपने जीवन को मर्यादा पुरुषोत्तम, हीरे तुल्य बना सकते है |
बी के विनय भाई जी ने परमात्मा शिव के गुणों का वर्णन किया |
सभी ने परमात्मा शिव के ध्वज के नीचे खड़े होकर अच्छे संकल्प धारण करने की प्रतिज्ञा किया कि अपने ही तन मन धन से भारत को स्वर्ग बनाने कि मददगार बनेगे, किसी को दुःख नहीं देंगे, क्रोध नहीं करेगे ।
कार्यक्रम के अंत में शिव ध्वज लहराया , सभी ने पावन बनने कि प्रतिज्ञाए भी और शिव परमात्मा से ध्यान लगाया |
कार्यकर्म में बी के मंजू माता , बी के पंकज भाई ,बी के रवीना माता , शिला माता आदि उपस्थित थे |