कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन करते हुए श्रीमती मीना पांडे, अध्यक्ष, नगर पालिका,पन्ना श्रीमती आशा गुप्ता उपाध्यक्ष, नगर पालिका ,पन्ना,श्रीमती निशा जैन, पूर्व प्राचार्य, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पन्ना, श्री उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज पन्ना, श्रीमती चंद्रप्रभा तिवारी,बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, बीके सीता बहन, प्रभारी पन्ना उप सेवाकेंद्र एवं अन्य।
पन्ना,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय में मनाया गया महाशिवरात्रि महोत्सव ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा निकाली गई विशाल शोभायात्रा श्री रामेश्वरम धाम की झांकी रही मुख्य आकर्षण का केंद्र
महाशिवरात्रि का पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बड़े ही आध्यात्मिक रीति एवं धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष में शिवपूजन के साथ-साथ शिव ध्वजारोहण किया गया।बहन जी ने शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि, यहां बच्चे का जन्म अगर रात को भी होता है तब भी हम उसका जन्मदिन मनाते हैं परंतु शिवरात्रि में रात्रि शब्द अज्ञान अंधकार का सूचक है अर्थात जब यह सृष्टि विकारों के वशीभूत होकर अज्ञान अंधकार में होती है, मनुष्यआत्माएं पतित एवं अज्ञान नींद में सोई हुई होती हैं तब पतित पावन परमात्मा शिव का इस सृष्टि पर दिव्य अवतरण होता है।
आगे आपने कहा शिव का अर्थ है कल्याणकारी परमात्मा इस धरा पर तब आते हैं जब मनुष्यात्माएं काम क्रोध लोभ मोह अहंकार पांच विकारों के कारण दुखी अशांत पतित एवं भ्रष्टाचारी बन जाती हैं तब परमात्मा शिव उनको पुनः पावन तथा संपूर्ण बनाने का कल्याणकारी कर्तव्य करते हैं। आज हम सभी अपने बुराइयां रूपी धतूरे, गलत संस्कारों, व्यसन को परमात्मा शिव को अर्पित करेंगे एवं दृढ़ प्रतिज्ञा करेंगे।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पधारीं श्रीमती मीना पांडे जी, अध्यक्ष, नगर पालिका, पन्ना ने कहा कि यहां आकर हमने शिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझा एवं स्वयं में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।कार्यक्रम में 1. श्रीमती मीना पांडे, अध्यक्ष, नगर पालिका,पन्ना 2. श्रीमती आशा गुप्ता उपाध्यक्ष, नगर पालिका ,पन्ना,3. डॉक्टर पीयूष त्रिपाठी,4. डॉक्टर देवव्रत सिंह,5. श्री उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज पन्ना,6. श्रीमती चंद्रप्रभा तिवारी,बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थिति रहे। सभी ने शिव ध्वज के नीचे अपने को परिवर्तन करने की प्रतिज्ञा की। शाम को विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें शिवरथ के साथ श्री रामेश्वरम धाम की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।