विश्व परिवार दिवस पर संगोष्ठी : सबने कहा परिवार के बिना सब अधूरा

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जबलपुर,मध्य प्रदेश। किसी भी समाज, देश या सदस्यों के समूह को परिवार का भाव ही सम्रद्ध कर सकता है। लेकिन, ये भाव व्यवहार में आना तभी संभव है जब हम आध्यात्म से जुड़ें। बिना आध्यात्मिक शक्ति के परिवार-भाव स्वयं में और समाज-राष्ट में लाना संभव नहीं है। विश्व एक परिवार है, ये नारा यदि भारत का है, तो इसके पीछे वह आध्यात्मिक भाव है, जिसमें सार्वभौमिकता छिपी हुई है। ये बात विश्व परिवार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में अतिथि वक्ताओं ने कही। अंतर्राष्टीय विश्व परिवार दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ शिव स्मृति भवन भंवरताल के सभागार में ये संगोष्ठी आयोजित की गई थी। दीप प्रज्वलन से प्रारंभ संगोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए केंद्र प्रभारी भावना बहन ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम के भाव की मन में उपज ही परिवार शब्द की सार्थकता को सिद्ध कर देती है। ब्रह्माकुमारी दुनिया के अनगिनत देशों में परिवार भाव से रह रही है, तो इसके पीछे आध्यात्मिक शक्ति ही है। मप्र पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोंटिया ने कहा परिवार भारत के लिए चर्चा या दिवस का विषय नहीं है, ये हमारी जीवन शैली में शामिल है। आज परिवार बिखर रहे हैं, ऐसे आयोजन परिवार को सक्तक बना सकते हैं। सर्जन डॉ एस के पांडे ने कहा कि सदगुणों के विकास से परिवार नाम की संस्था मजबूत होगी। वक्ता पंकज स्वामी ने कहा कि कोरोना से पीड़ित हर व्यक्ति का अपने परिवार के पास ही आना ये बताता है कि परिवार शब्द में कितनी सुरक्षा और आत्मीयता निहित है। सीए राजेश गुप्ता ने कहा कि आध्यात्म से हम परिवार में एकता का सूत्रपात कर सकते हैं। पत्रकार संजीव चौधरी ने अपील की, कि सभी लोग घर में एक बार एक साथ भोजन अवश्य करें। उद्योगपति अभय जैन ने कहा कि जब से आध्यात्मिक जीवन अपनाया है, तब से पूरा संसार एक परिवार नजर आता है। बीके वर्षा द्वारा कराई गई राजयोग अनुभूति से सभी आध्यात्म में खो गए। आश्रम की ओर से सभी का पारिवारिक स्वागत किया गया।

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