जयपुर: झोटवाड़ा में ब्रह्मा कुमारी संस्थान का नया आध्यात्मिक सेवा केंद्र ‘ प्रभु गुंजन भवन ‘ समाज के आत्म उत्थान के लिए समर्पित

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जयपुर ,राजस्थान: झोटवाड़ा क्षेत्र में ब्रम्हाकुमारी संस्थान का नया आध्यात्मिक सेवा केंद्र ‘प्रभु गुंजन भवन’ समाज के आत्म उत्थान के लिए समर्पित।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्थान की यूरोपीय सेवा केन्द्रो की निदेशिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने  गणमान्य लोगों की मौजूदगी में किया उद्धघाटन।

“ईश्वरीय सेवा में ब्रम्हाकुमारी का त्याग नहीं है यह हमारा भाग्य है।  ब्रम्हाकुमारी बन कर प्रभु प्रेम से जीवन में जितना सुख  मुझे मिला है  मेरा दिल करता है यह सबको सुनाऊं  सबको सिखाऊ।   परमात्मा शिव कल्याणकारी है  95 देशों में मुझे  एक भी देश नहीं मिला जहां परमात्मा के हीरे  नहीं मिले हो। वो न हिन्दू थे  न मुस्लिम न किसी और धरम के वो सिर्फ एक परमात्मा को प्यार करने वाले लोग थे ।  यह प्रभु गुंजन भवन भी  ईश्वरीय सेवाओं  को आगे बढ़ाते हुए परमात्मा के हीरे तराशने का काम करेगा। रूहानी क्रांति से ही युग परिवर्तन होता है। युग परिवर्तन के इस दौर में  कल्याणकारी परमात्मा शिव दुनिया में अपने बच्चो को निमित बनाकर काम कर रहे है। 

कर्म इन्द्रियों पर राज कर ही परमात्मा से सम्बन्ध बनाया जा सकता है। वही सम्बन्ध सबसे श्रेष्ठ और कल्याणकारी है।  ज्ञान और योग के जरिये परमात्मा के साथ सम्बन्ध स्थापित करना ही राजयोग मेडिटेशन है। अगर इस राजयोग से इन्द्रियों को वश में कर लिया तो प्रकृति भी मनुष्य की दासी बन जाती है।  यह रूहानी उपदेश 1957  से  प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान में आध्यात्मिक सेवाओं  में जुटी  हुई यूरोपीय सेवा केन्द्रो की निदेशिका राजयोगिनी बीके  सुदेश दीदी ने वृन्दावन कॉलोनी झोटवाड़ा में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नए सेवा केंद्र के उद्घाटन समारोह में मुख्या अतिथि के तौर पर बोलते हुए कही।  सुदेश दीदी ब्रह्माकुमारिज संस्थान के संस्थापक सदस्यों में से एक है और इंग्लैंडजर्मनी समेत  95 से भी अधिक  देशो में सेवाए दे चुकी है।

वैशाली नगर जयपुर सब जोन के तहत बनाये गए प्रभु गुंजन भवन सेवा केंद्र के उद्घाटन के मौके  पर  भव्य और सांस्कृतिक  कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैंकड़ो लोगो के अलावा शहर के गणमान्य लोग भी मौजूद थे इसमें राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज डाक्टर सुधीर भंडारीजयपुर नॅशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आर एल रैना जी पूर्व मुख्य न्यायधीश मद्रास हाई कोर्ट जस्टिस नागेंद्र कुमार जैन,अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष  जसबीर सिंहजयपुर सब ज़ोन की प्रशासिका राजयोगिनी बीके  सुषमा दीदी  और ब्रह्माकुमारीज़ के धार्मिक प्रभाग की अध्यक्षा एवं प्रयागराज सब ज़ोन की प्रभारी राजयोगिनी बीके मनोरमा दीदी, जयपुर वैशाली नगर सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी बी के चन्द्रकला दीदी ने मुख्य उपस्तिथि रहे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जयपुर सब ज़ोन की प्रशासिका राजयोगिनी बीके सुषमा दीदी ने सुखी जीवन की कुंजी  के बारे में बोलते  हुए कहा की आज ज्यादातर लोग कहते है की सब कुछ होने के बावजूद वो  सुखी  नहीं है। क्योंकि इसकी वजह ज्यादातर बाहर की  मुखर है लेकिन अगर  सुख चाहिए तो अंतर्मुखी होना होगा  यानि हमे परमात्मा या स्वयं की तरफ देखना है। ” आज के तेज़ी से बदल रहे समाज में संकल्प और सोच बदलने की जरुरत है उस से  दृष्टि और वृति बदलेगी तब ही आत्म उन्नति का रास्ता प्रशस्त होगा। खुद को एक शरीर नहीं बल्कि चैतन्य शक्ति आत्मा के रूप में देखने की जरूरत  है इस से   मन और मस्तिष्क को शांत रखा जा सकता है तब ही आज के इस आपाधापी में दौर में सुखी और प्रसन्न रखा जा सकता है यही सुखी जीवन की कुंजी है “

इस मौके पर सम्बोधित करते हुए  डाक्टर सुधीर भंडारी ने कहा एक सभ्य समाज में शहरीकरण औद्योगीकरण एकल परिवारों और इंटरनेट मीडिया अडिक्शन की वजह से एंकाकी पन बढ़ा है और आपसी संवेदना और संवाद कम हो रहा है एकाग्रता की कमी हो रही है ऐसे में मेडिटेशन केंद्र होना अपने आप में एक उपचार चिंता हरण का काम करेगा। भंडारी ने कहा  चिंता चिता  के सामान है और उम्मींद जतायी  की प्रभु गुंजन मेडिटेशन सेंटर समाज को  सकारत्मक सोच और ऊर्जा देने का काम करेगा। 

पूर्व मुख्य न्यायाधीश मद्रास हाई कोर्ट नागेंद्र कुमार जैन ने कहा पहले लोगों में संस्कार हुआ करते थे  लेकिन भौतिक युग में अब लोग सेल्फ सेंटर्ड हो गए है आज खुद को सुधारने की जरूरत है अनजान के प्रति संवेदना ही मानवता है और यह काम देश और दुनिया में ब्रम्हाकुमारी बहने बहुत बखूबी कर रही है..

ब्रह्माकुमारीज़ के धार्मिक प्रभाग की अध्यक्षा एवं प्रयागराज सब ज़ोन की प्रभारी राजयोगिनी बीके मनोरमा दीदी खास तौर पर कार्यक्रम का सञ्चालन करने के लिए जयपुर पहुंची थी । 

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