ब्रह्माकुमारीज द्वारा समाज सेवकों को किया गया सम्मानित

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कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए बीके आशा दीदी, बीके प्रेम, बीके आशा, डॉ.जीपी भगत, डा.सोमनाथ भारती, नारायण दत्त शर्मा, बीके शांता एवं अन्य

कोरोना के दौरान की गई विषेश सेवाओं के लिए किया गया सम्मान

भोरा कलां,ओआरसी (गुरुग्राम),हरियाणा:
ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम में समाज सेवकों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रोटरी इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, अनूप मित्तल ने कहा कि रोटरी क्लब, समाज के हर क्षेत्र के लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर हैं। सेवा के द्वारा समाज में परिवर्तन लाना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के सहयोग से हम समाज को और भी बेहतर दिशा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वयस्कों की शिक्षा के लिए हमने ब्रह्माकुमारीज के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं।


ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपने प्रेरणादाई संबोधन में कहा कि समाज परिवर्तन की आवश्यकता तभी पड़ती है, जब दुःख बढ़ते हैं। एक समय था जब ये विश्व सम्पूर्ण सुखी था। जिसे स्वर्ग कहा जाता था। वर्तमान समय सामाजिक स्तर में गिरावट का मुख्य कारण चारित्रिक और नैतिक पतन है। परमात्मा की समाज परिवर्तन के लिए यही योजना है कि मानव के अंदर पुनः आध्यात्मिक जागृति के द्वारा मूल्यों को सशक्त किया जाए। कर्तव्यनिष्ठ और मूल्यनिष्ठ समाज के लिए मानसिक परिवर्तन जरूरी है
गुलबर्गा, कर्नाटक से पधारे, संस्था के समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके प्रेम ने कहा कि चरित्र निर्माण के बगैर समाज का परिवर्तन असंभव है। भौतिक जरूरतों के साथ-साथ आध्यात्मिक और चारित्रिक मूल्य भी बहुत जरूरी हैं। आज हम योजनाएं तो बनाते हैं लेकिन जिनके लिए योजनाएं बनाते हैं उनमें सकारात्मक जागृति पैदा नही करते। इंसान घर बदलता है, लिबास बदलता है, दोस्त बदलता है लेकिन फिर भी परेशान रहता है। जिसका मूल कारण है कि वो खुद को नहीं बदलता।
अजमेर से राजयोगिनी शांता दीदी ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि एक ऐसा समय था जब ये भारत देवस्थान कहलाता था। लेकिन आज दिव्यगुणों का लोप होने के कारण मानव लेवता बन गया है। अब फिर से परमात्मा इस दुःख की दुनिया को बदल सुख की दुनिया बना रहे हैं।
– कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभ कामनाएं व्यक्त करते हुए संत हरदयाल एजुकेशनल एंड अनाथ वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक डा.जीपी भगत ने कहा कि हम तो सिर्फ समाज सेवा कर सकते हैं लेकिन लोगों में आध्यात्मिक जागृति का कार्य ब्रह्माकुमारीज बहनें ही कर सकती हैं। कोरोना के समय कई लोगों ने अपने बुजुर्गों को घर से निकाल दिया। उस समय काफी बुजुर्गों को हमने अपने आश्रम में रखा। अगर हमारा समाज सुसंस्कारों से संपन्न हो जाए तो ये नौबत नहीं आएगी। संस्कार परिवर्तन का कार्य ब्रह्माकुमारीज़ ही कर सकती है।
पूर्व विधायक, नारायण दत्त शर्मा ने कहा कि अपने संघर्ष के दौर में ब्रह्माकुमारीज द्वारा मुझे आत्मिक बल मिला। उन्होंने कहा कि अगर मैंने स्वर्ग का अनुभव किया तो ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय, माउंट आबू में किया।
दिल्ली के माननीय विधायक, सोमनाथ भारती ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज भाई-बहनों का जीवन ही समाज के लिए एक दर्पण है। जब हमें स्वयं और परमात्मा की पहचान मिल जाती है तो जीवन खुशियों से भर जाता है।अमरावती, महाराष्ट्र से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सीता ने सभी को राजयोग के अभ्यास द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई। खानपुर, दिल्ली से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके आशा ने अपने शब्दों के द्वारा सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन बीके अमृता एवं बीके भावना ने किया।कार्यक्रम में सभी को फॉर्म भराकर समाज कल्याण की प्रतिज्ञा कराई गई।
कार्यक्रम में अनाथालय, वृद्ध आश्रम, ब्लाइंड स्कूल एवं विधवा आश्रम सहित अनेक समाज सेवी संस्थाओं के 1500 से भी अधिक सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।  
कार्यक्रम के अंत में समाज सेवा प्रभाग, दिल्ली की संयोजिका राजयोगिनी सुंदरी दीदी, समाज सेवा प्रभाग, ओआरसी की संयोजिका राजयोगिनी विजय दीदी ने सभी को ईश्वरीय सौगात प्रदान की।

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