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गुरुग्राम: ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में कल्प तरूह अभियान के तहत वृक्षारोपण हुआ

– भोगवादी प्रवृत्ति ही पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा
– ब्रह्माकुमारीज ने कल्प तरूह अभियान के तहत किया वृक्षारोपण
– विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
– 300 से भी अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण के प्रति व्यक्त किए शुभ भाव- 750 से अधिक लोगों को मिला लाभ और ली पर्यावरण सुरक्षा की शपथ
गुरुग्राम,हरियाणा:

ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में कल्प तरूह अभियान के तहत वृक्षारोपण हुआ।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 300 से भी अधिक पौधे लगाए गए। ओआरसी में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भारत विकास परिषद, राजयोग शिविर एवं ब्रह्माकुमारीज टीचर्स ट्रेनिंग में आए हुए लोगों ने वृक्षारोपण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका विजय दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संतुलन जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रदूषण का प्रमुख कारण मानव के मन का प्रदूषण है। भोगवादी प्रवृत्ति ही वास्तव में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मानव अगर अपने मूल स्वरूप को पहचान सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाए तो प्रकृति हमारी सहयोगी बन जायेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकताएं तो सभी की पूरी होती हैं। अत्यधिक संग्रह वृत्ति ही प्रकृति के दोहन का मूल कारण है।
इस अवसर पर संस्था की ओर से स्थानीय स्कूल एवं कॉलेज में भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही विशेष रूप से सभी को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अपनी भूमिका का दृढ़ता से निर्वाह करने की प्रतिज्ञा भी कराई गई।

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