जबलपुर,मध्य प्रदेश। सारा संसार भौतिकवाद में फंसा है, पर भारत अब भी संसार के सार यानी आध्यात्म को नहीं भूला है। वस्तुत: भारत की पहचान ही आध्यात्मिक शक्ति है। यही शक्ति भारत के विश्व गुरू बनने का आधार होगी। ये बात अंतर्राष्टीय हिंदू परिषद (अहिप) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कही। वे ब्रह्माकुमारी संस्थान के स्थानीय मुख्य केंद्र शिव स्मृति भवन, भंवरताल में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे। ‘स्वर्णिम भारत का आधार-आध्यात्मिक सशक्तिकरण’ विषय के तहत डॉ. तोगड़िया ने समूचे ब्रम्हांड में एनर्जी का परम श्रोत परमात्मा को बताया। उन्होंने कहा अन्न से मनुष्य में एनर्जी आती है, तो अन्न में वनस्पति से। वनस्पति सूर्य से एनर्जी लेती है, तो सूर्य सहित सारे नक्षत्र परम पिता परमात्मा से। उस एक ईश्वर से जुड़कर ही हम आत्मिक तौर पर शक्तिशाली हो सकते हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने कहा कि जिस आध्यात्म की बात डॉ. तोगड़िया ने की, उसकी आभा ब्रह्माकुमारी संस्थान पूरे विश्व में फैला रहा है। हम परमात्मा से वही एनर्जी लेकर न सिर्फ स्वयं को एनर्जेटिक बनाते हैं, बल्कि विश्व को सकाश देकर सारे तत्वों को भी शक्तिशाली बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस एनर्जी का आधार राजयोग है। उन्होंने अपनी सहयोगी ब्रह्माकुमारी वर्षा बहन से कहा कि वे सभी को राजयोग की अनुभूति करायें। इस अनुभूति में वक्ता-श्रोता सभी आध्यात्म विभोर हो गए। डॉ तोगड़िया ने कार्यक्रम उपरांत भावना बहन से कहा राजयोग में बहुत शक्ति है। दीप प्रज्जवलन से प्रारंभ इस संगोष्ठी में डॉ. तोगड़िया को उनकी सेवाओं के तहत सम्मानित भी किया। डॉ. एसके पांडे ने संस्था का परिचय दिया। सम्मान पत्र का वाचन डॉ श्यामजी रावत ने किया। डॉ. तोगड़िया के साथ आये अहिप पदाधिकारी प्रीति धनगारिया, डॉ एलबी चंदेल सहित अन्य ने भी संबोधित किया। आभार प्रकाश भाई ने माना।