जयपुर राजापार्क,राजस्थान: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्रभाग द्वारा राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशासकों के लिए सफल प्रशासन में अपनी शक्तियों को संतुलित करने विषय पर जयपुर राजापार्क सबजोन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर समित शर्मा जी (शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) ने कहां की कोई भी प्रशासक बेस्ट तभी बन सकता है जब खुद पर शासन करे। खुद बैलेंस्ड हो। मैं अपने आपको प्रशासक की सेवा में आधा ही देखता हूं ! मैं खुद को मूर्ख सेवा की भूमिका में देखता हूं , हमारी भी सेवा का नाम आई.ए.एस है। आई इस बात का प्रतीक है की वह अखिल भारतीय प्रकृति की सेवा करता है। ए इस बात का प्रतीक है जो प्रशासन से संबंधित है और सबसे महत्वपूर्ण है एस जिसका नाम है सर्विस। मैं हमेशा कहता हूं की वी आर नॉट इन गवर्नमेंट सर्विस, वी आर इन पब्लिक सर्विस।
बीके आशा दीदी (चेयरपर्सन एडमिनिस्ट्रेटर्स विंग एंड डायरेक्टर ओ आर सी दिल्ली ने कहां की प्रकृति का बैलेंस, नक्षत्रों का बैलेंस मन और बुद्धि का बैलेंस, और जब कभी बैलेंस थोड़ा ऊपर नीचे होता है तो उसमें गड़बड़ होती है। प्रकृति को कैसे यूज करना है अगर पुरुष आत्मा उसे ठीक रीति से निभाती है तब तो इस धरा पर जिसको हम कहें स्वर्ग वह देता है और जब कभी उसमें डिफिकल्टी आती है वही पृथ्वी, वही प्रकृति हमारे लिए एक समस्या का कारण हो जाती है बैलेंस एक नेचुरल चीज है। नेचुरल चीज को मेंटेन करना बहुत आवश्यक है। हमारे पास सबसे बड़ी थॉट पावर है, बौद्धिक शक्ति, कर्मों की शक्ति कहते हैं ब्यूटीफुली अगर हम किसी चीज को अप्रिशिएट कर रहे हैं। किसी चीज को हम देख रहे हैं तो आपका मन जो अति सूक्ष्म है वह हमारी थिंकिंग पावर है, हम इसे एनालाइज करें तो इसके अंदर बहुत शक्तियां समाई हुई हैं।
बीके पूनम दीदी ( जयपुर सब जॉन इंचार्ज, स्टेट कोऑर्डिनेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स विंग) ने कहां की सर्वशक्तिमान एक परमात्मा है तो शक्तियां किस से लेनी है सुप्रीम पावर परमात्मा से अब उनसे कनेक्ट कैसे होना है मेडिटेशन एक प्रकार से यूनियन है, कनेक्शन है हिंदी में हम लोग कहते हैं योग प्लस 2 और 2 का जोड़ योग कहलाता है तो स्वयं को हमें जोड़ना है। सर्वशक्तिमान परमात्मा से मन से जुड़ाव, बुद्धि से जुड़ाव, भावनाओं सहित हो तो तो हम सर्वशक्तिमान की शक्तियां स्वयं में रिसीव करते हैं।
बीके हरीश भाई ( हेड क्वार्टर कोऑर्डिनेटर एडमिनिस्ट्रेटर्स विंग माउंट आबू राज.) ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेटर्स का बौद्धिक लेवल बहुत हाई होता है। डिसीजन लेने में भी वह राइट होते हैं सरकार के जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं उनको प्रजा कल्याण के लिए कैसे इंप्लीमेंट करना है वह कार्य एडमिनिस्ट्रेटर का होता है तो कई बार सरकार की तरफ से भी प्रेशर जाता है और कई बार पब्लिक की तरफ से भी आशा होती है कि हमारा कार्य जल्दी से जल्दी हो। कायदे में रहकर प्रशासन करते हुए भी हम कैसे सक्सेस हो सकते हैं। हमारी ओरिजिनल पावरर्स उनको भी हम अपने बैलेंस में रखते हुए प्रशासन को अच्छे से चला सकते हैं।
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